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छलकाते रहें जाम, 'अंगूर की बेटी' से GST रिफॉर्म को नहीं कोई मतलब! पेट्रोल-डीजल का दाम भी जीएसटी से बेखबर

नई दिल्ली। आज से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो गई है। इसके साथ ही आज से आम आदमी को महंगाई से भी राहत मिली है। वहीं टैरिफ अनिश्चितताओं के बीच इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए कम से कम 375 प्रोडक्ट्स पर से GST में कटौती की जा रही है। इस जीएसटी रिफॉर्म के बाद 5 और 18 फीसदी जीएसटी स्लैब ही रहेंगी। वहीं ताजा चर्चा इस बात की है कि क्या पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर इसका असर देखने को मिलेगा? साथ ही शराब के शौकीनों को भी राहत मिल सकती है?
40 फीसदी जीएसटी स्लैब की भी घोषणा की
बता दें कि देश में कंज्यूमर्स को राहत देते हुए देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी काउंसिल की 56वीं मीटिंग में टैक्स की 4 स्लैब को कम कर 2 कर दिया था। एक 40 फीसदी कस स्पेशल स्लैब होगा, जिसमें लग्जरी और सिन प्रोडक्ट्स को रखा गया है जबकि 12% जीएसटी स्लैब के तहत लगभग 99 फीसदी वस्तुएं 5% टैक्स स्लैब में आ गई हैं। इस बदलाव का मतलब यह भी है कि 28 फीसदी टैक्स स्लैब स्लैब के तहत 90 फीसदी प्रोडक्ट्स 18 फीसदी टैक्स स्लैब में आ गई हैं। सरकार ने तंबाकू, सिगरेट, लग्जरी कारों और कुछ अन्य वस्तुओं के लिए एक अलग 40 फीसदी जीएसटी स्लैब की भी घोषणा की है।
शराब की कीमतों पर नहीं पड़ेगा कोई असर
आज से लागू होने वाले जीएसटी रिफॉर्म का शराब की कीमतों पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा। दरअसल, शराब पर टैक्स लगाने का अधिकार राज्यों के पास है, जो इन पेय पदार्थों पर वैट लगाते हैं। राज्य अपने रेवेन्यू का एक बड़ा हिस्सा शराब से कमाते हैं, इसलिए इसे जीएसटी के दायरे में नहीं रखा गया है। अगर राज्य सरकारें किसी भी समय वैट कम करने का फैसला करती हैं, तो शराब की कीमतें कम हो जाती हैं।
पेट्रोल और डीजल फिलहाल जीएसटी के दायरे में नहीं
दरअसल, पेट्रोल और डीजल फिलहाल जीएसटी के दायरे में नहीं आते हैं। इसलिए, जीएसटी रेट रिफॉर्म का पेट्रोल और डीजल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन देश में बिना टैक्स के पेट्रोल की कीमत या वास्तविक पेट्रोल की कीमत उसके रिटेल वैल्यू से अपेक्षाकृत कम है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पेट्रोल और डीजल पर केंद्र और राज्य सरकारें दोनों टैक्स लगाती हैं।