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‘वकील काम नहीं करना चाहते, दोषी हमें ठहराया जाता है...’ जानें क्यों भड़के सीजेआई गवई

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई ने एक मामले की सुनवाई के दौरान वकीलों के काम करने के रवैये पर निशाना साधा है। सीजेआई ने कहा कि टॉप पांच जजों की छुट्टियों के दौरान भी हम यहां बैठे हैं और काम कर रहे हैं, फिर भी पेंडिंग मामलों के लिए हमें दोषी ठहराया जाता है।
वकील नहीं करना चाहते काम
सुप्रीम कोर्ट में एक मामले को लेकर अनुरोध किया गया था कि उसे जजों की छुट्टियां खत्म होने के बाद लिस्ट किया जाए। जिसके बाद अदालतों के इस कामकाजी रवैये पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए सीजेआई बीआर गवई ने कहा कि टॉप पांच जज छुट्टी पर हैं और हम काम कर रहे हैं, फिर भी हमें मामलों के लंबित होने के लिए दोषी ठहराया जाता है। ये वकील हैं, जो काम नहीं करना चाहते हैं।
जस्टिस सूर्यकांत ने भी जताई नाराजगी
जस्टिस सूर्यकांत ने भी मामले में स्थगन मांगने वाले वकीलों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि वकील ने छुट्टी के बाद अब स्थगन की मांग की है और बताया कि वह अगले वीकेंड तक उपलब्ध नहीं हैं। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि पांच वरिष्ठतम जजों ने छुट्टियों के दौरान काम करने का दृढ़ निश्चय किया है। हमें काम करने में कोई परेशानी नहीं है। बार काउंसिल के सदस्य जो भी मामले चाहते हैं, हम सुनेंगे। लेकिन हम बार के सदस्यों से इस तरह की प्रतिक्रिया नहीं चाहते हैं, हम छुट्टियों के दौरान भी बिजी रहते हैं।