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इस कयामत तक ले जाता है जीवन!पत्नी की मौत के बाद मासूम को मार खुद भी दे दी जान, यह खबर पढ़ना नहीं आसान

Anjali Tyagi
20 Dec 2025 12:48 PM IST
इस कयामत तक ले जाता है जीवन!पत्नी की मौत के बाद मासूम को मार खुद भी दे दी जान, यह खबर पढ़ना नहीं आसान
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कानपुर। प्रदेश के कानपुर जिले से एक झकझोंर देने वाली घटना सामने आई है। दरअसल आचार्यनगर निवासी सराफ लालू उर्फ अजय कटियार ने बेटों पर हमले के बाद खुद भी जान दे दी। इस हमले में छोटे बेटे की मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल है। सराफ के पास सुसाइड नोट भी मिला है। उसमें लिखा कि पूज्य पिता जी उतने की बेटों को जन्म देना चाहिए जितने बेटों को संभाल सको। बता दें कि तीन साल पहले 19 दिसंबर को ही पत्नी की मौत हुई थी।

सुसाइड नोट में क्या लिखा

लालू ने सुसाइड नोट में लिखा- शादी हुई, शादी के बाद आप सबने मेरी बीवी को परेशान करना शुरू किया। धीरे-धीरे 8-10 साल गुजरने के बाद समय ऐसा आया कि हमें अपने ही पुत्रों को साथ में लेकर जाना पड़ रहा है। मैं इतना खुदगर्ज नहीं हूं कि जो तकलीफ हमने सही वह अपने अपने बच्चों को भी सहन कराऊं, वह दोनों फूल हैं। उन्हें किसके सहारे छोड़कर जाऊं, उनके कपड़ों, खाने का नाश्ता, स्कूल की फीस, छोटी-छोटी परेशानियों को कौन देखेगा। इसलिए मैं अपने बच्चों को अकेला नहीं छोड़ सकता। क्योंकि बाद में उन्हें कोई तकलीफ हो और वह कहें कि कैसे मेरे माता-पिता थे और हमें छोड़कर चले गए। लालू के पास से मिले इस सुसाइड नोट से साफ है कि वह अपने पिता की परवरिश से नाखुश था।

पहले खाया जहरीला पदार्थ फिर लगाया फंदा

जानकारी के मुताबिक जांच अधिकारियों की पड़ताल में सामने आया है कि लालू ने पहले ईंट से बच्चों पर कई वार किए, बच्चों के खून से लथपथ हो जाने के बाद लालू ने गिलास से जहर मिलाकर निगला। इसके बाद रस्सी और एक पुराने कपड़े से फंदा लगाकर जान देने का प्रयास किया, लेकिन जहर का असर होने के कारण फंदा लगने से पहले ही टूट गया। वह भी बेसुध होकर गिर गया। मृतक के पिता रामशंकर व भाई चंद्रकिशोर जब दरवाजा तोड़ अंदर घुसे तो लालू, रुद्र और शुभ बेसुध पड़े मिले जिन्हें सीएचसी ले जाने पर डॉक्टरों ने लालू व छोटे बेटे शुभ को मृत घोषित कर दिया।

बच्चों के स्कूल की थी छुट्टी

बता दें कि रुद्र और शुभ शुक्रवार को छुट्टी की वजह से घर पर ही थे। अगर सर्दी के कारण स्कूल की छुट्टी न हुई होती तो दोनों बच्चे स्कूल चले गए होते और दोनों की जान बच गई होती। अजय भी दुकान पर समय से चला जाता।

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