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धोनी की ओर से दायर मानहानि केस में मद्रास हाईकोर्ट ने दिए जांच के आदेश, जानें क्या है पूरा मामला

Shilpi Narayan
11 Aug 2025 7:30 PM IST
धोनी की ओर से दायर मानहानि केस में मद्रास हाईकोर्ट ने दिए जांच के आदेश, जानें क्या है पूरा मामला
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नई दिल्ली। आईपीएल के स्पॉट फिक्सिंग मामले में पूर्व कप्तान एमएस धोनी पर गंभीर आरोप लगाने वालों के बुरे दिन शुरू हो गए हैं। दरअसल मद्रास हाईकोर्ट ने धोनी की ओर से दायर 10 साल पुराने मानहानि केस में सुनवाई शुरू करने के आदेश दे दिए हैं। धोनी ने हलफनामे में कहा है कि मैं अधिवक्ता आयुक्त के साथ पूरा सहयोग करूंगा और मुकदमे और सबूत दर्ज करने के संबंध में जारी सभी निर्देशों का पालन करूंगा।

15 दिन की सजा सुनाई थी

बता दें कि धोनी ने एक हलफनामा दायर किया था जिसमें उन्होंने 2014 से लंबित मानहानि मुकदमे की सुनवाई को आगे बढ़ाने की इच्छा जताई। वहीं धोनी ने कहा कि वो 20 अक्टूबर 2025 से 10 दिसंबर 2025 के बीच जिरह के लिए उपलब्ध रहेंगे। वहीं इस केस की सुनवाई में 10 साल से ज्यादा की देरी इसलिए हुई, क्योंकि पक्षकारों ने अलग-अलग राहतों के लिए कई आवेदन दायर किए थे। वहीं दिसंबर 2023 में जस्टिस एस.एस. सुंदर और सुंदर मोहन की खंडपीठ ने रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी को आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया था और उन्हें 15 दिन के साधारण कारावास की सजा सुनाई थी। हालांकि, 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने इस सजा पर रोक लगा दी थी।

100 करोड़ के हर्जाने की थी मांग

धोनी ने दो बड़े मीडिया संस्थान एक मशहूर पत्रकार और रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी जी. संपत कुमार के खिलाफ 100 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग करते हुए ये केस दायर किया था। वहीं माही का आरोप है कि इन लोगों ने धोनी का नाम आईपीएल सट्टेबाजी घोटाले में घसीटा था। दरअसल, जस्टिस सी.वी. कार्तिकेयन ने एक अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त किया है जो चेन्नई में सभी पक्षों और उनके वकीलों के लिए सुविधाजनक स्थान पर धोनी के सबूत दर्ज करेगा। अधिवक्ता आयुक्त की नियुक्ति इसलिए की गई, क्योंकि धोनी के सेलिब्रिटी होने के कारण उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति से हाईकोर्ट में अव्यवस्था हो सकती है।

आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग केस साल 2013 में हुआ था

दरअसल, आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग केस साल 2013 में हुआ था। इस मामले में सीएसके के मालिक एन श्रीनिवासन के दामाद और टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ मयप्पन का नाम भी इस मामले में आया था। श्रीसंत, अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण फंसे थे। इस मामले के बाद राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपरकिंग्स को दो साल के लिए आईपीएल से बैन कर दिया गया था।

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