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मानव तस्करी में महाराष्ट्र सबसे आगे, 2023 में दर्ज हुए 388 मामले, 955 पीड़ितों को बचाया गया

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ताज़ा रिपोर्ट ने चौंकाने वाले आंकड़े जारी किए हैं। मानव तस्करी (Human Trafficking) के मामलों में महाराष्ट्र 2023 में सबसे ऊपर रहा। राज्य में 388 मामले दर्ज किए गए और पुलिस व प्रशासनिक कार्रवाई में 955 पीड़ितों को बचाया गया।
महाराष्ट्र में लगातार बढ़ रहे मामले
रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में मानव तस्करी के मामलों में पिछले कुछ वर्षों से वृद्धि देखी गई है।
2021 में 320 मामले,
2022 में 295 मामले,
और 2023 में यह आंकड़ा 388 तक पहुंच गया।
इस मामले में तेलंगाना (336 मामले) और ओडिशा (162 मामले) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
पीड़ितों का प्रोफाइल
2023 में महाराष्ट्र में बचाए गए पीड़ितों में:
79 पुरुष और 60 महिलाएं 18 वर्ष से कम उम्र के,
17 पुरुष और 779 महिलाएं 18 वर्ष से अधिक उम्र की थीं।
पुलिस ने 76 नाबालिग लड़कों, 63 नाबालिग लड़कियों और 816 वयस्क महिलाओं को सुरक्षित निकाला।
कुल मिलाकर 955 पीड़ितों में से 907 भारतीय, 4 नेपाली, 23 बांग्लादेशी और 21 अन्य देशों के नागरिक थे।
किस उद्देश्य से होती है तस्करी?
जांच में सामने आया कि:
3 लोग जबरन मजदूरी के लिए,
852 महिलाएं देह व्यापार और यौन शोषण के लिए,
और 94 लोग अन्य कारणों से तस्करी का शिकार बने।
मानव तस्करी से यौन शोषण के मामलों में भी महाराष्ट्र सबसे आगे रहा। यहां 852 मामले दर्ज हुए, जबकि तेलंगाना (597 मामले) और बिहार (155 मामले) इसके बाद रहे।
गुमशुदा बच्चों और व्यक्तियों का हाल
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 2023 में महाराष्ट्र से 4,619 बच्चे लापता हुए, जिनमें 2,347 लड़कियां थीं। हालांकि, उसी साल 2,574 बच्चों को खोज निकाला गया।
2023 तक महाराष्ट्र में कुल 1,22,248 लोग लापता थे, जिनमें से 71,079 को ढूंढ लिया गया। इसके बावजूद, 51,169 लोग अब भी लापता हैं।