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दिल्ली में बड़ा प्रशासनिक बदलाव, तीन नए जिले बने और एक खत्म; अब कुल 13 जिले

दिल्ली में प्रशासनिक ढांचे को और मजबूत बनाने के लिए बड़ा फेरबदल किया गया है। राष्ट्रीय राजधानी में अब कुल 13 जिले होंगे। पहले दिल्ली 11 जिलों में बंटी थी, लेकिन नई संरचना के तहत तीन नए जिले बनाए गए हैं और एक जिला समाप्त कर दिया गया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह निर्णय शासन को अधिक सुचारू और कुशल बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। उनके अनुसार यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुशासन के विजन को आगे बढ़ाने वाला है।
दिल्ली में जिन जिलों को अब तक मान्यता प्राप्त थी, उनमें सेंट्रल, ईस्ट, नई दिल्ली, नॉर्थ, नॉर्थ ईस्ट, नॉर्थ वेस्ट, शाहदरा, साउथ, साउथ ईस्ट, साउथ वेस्ट और वेस्ट दिल्ली शामिल थे। नए अपडेट के बाद "शाहदरा" जिले को समाप्त कर दिया गया है, जबकि तीन नए जिले—ओल्ड दिल्ली, सेंट्रल नॉर्थ और आउटर दिल्ली—जोड़े गए हैं। इस तरह दिल्ली के नए 13 जिलों की लिस्ट इस प्रकार है: साउथ ईस्ट, ओल्ड दिल्ली, नॉर्थ, न्यू दिल्ली, सेंट्रल, सेंट्रल नॉर्थ, साउथ वेस्ट, आउटर नॉर्थ, नॉर्थ वेस्ट, नॉर्थ ईस्ट, ईस्ट, साउथ और वेस्ट।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि वर्षों से दिल्ली की प्रशासनिक व्यवस्था को बेहतर बनाने की आवश्यकता थी। उनके अनुसार इस समस्या को किसी भी पिछली सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया, जबकि उनकी सरकार ने मात्र 10 महीनों में यह लक्ष्य पूरा कर दिखाया। उन्होंने कहा कि इससे नागरिकों को सेवाएँ तेजी से मिलेंगी और अधिकारियों पर कार्यभार संतुलित होगा।
नई संरचना के तहत सब-डिवीजन और सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों की संख्या भी बढ़ाई गई है। पहले दिल्ली में 33 सब-डिविजन थे, जिन्हें बढ़ाकर 39 किया गया है। इससे प्रशासनिक इकाइयों में लोगों की भीड़ कम होगी और कार्यवाही में पारदर्शिता व गति आएगी। संपत्ति पंजीकरण प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों की संख्या 22 से बढ़ाकर 39 कर दी गई है। इससे लोगों को अपने क्षेत्र में ही पंजीकरण की सुविधा मिलेगी और अनावश्यक देरी खत्म होगी।
दिल्ली के जिलों का पुनर्गठन कोई नया मामला नहीं है। पहले राजधानी में केवल एक ही जिला हुआ करता था। जनसंख्या बढ़ने और प्रशासनिक व्यवस्थाओं को आसान बनाने के लिए समय-समय पर जिलों की संख्या बढ़ाई गई। 1997 में दिल्ली को 9 जिलों में बांटा गया था। 2012 में इसे बढ़ाकर 11 जिलों में बदल दिया गया। अब एक दशक बाद फिर से इसकी संख्या बढ़ाकर 13 कर दी गई है।
इस बदलाव के बाद दिल्ली की प्रशासनिक समीक्षा और सेवाओं की पहुंच और बेहतर होने की उम्मीद जताई जा रही है। सरकार का दावा है कि इससे न केवल क्षेत्रीय प्रबंधन मजबूत होगा, बल्कि आम नागरिकों को मिलने वाली सुविधाएं भी अधिक प्रभावी हो जाएंगी।




