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लालू फैमिली को बड़ा झटका: राबड़ी देवी को 10 सर्कुलर रोड बंगला खाली करना होगा, नया ठिकाना 39 हार्डिंग रोड

बिहार में नई एनडीए सरकार के सत्ता में आने के महज कुछ दिनों बाद ही लालू प्रसाद यादव परिवार को एक बड़ा झटका लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री और विधान परिषद में विपक्ष के नेता राबड़ी देवी को 10 सर्कुलर रोड स्थित आइकॉनिक सरकारी बंगला खाली करने का आदेश जारी हो गया है। भवन निर्माण विभाग ने उन्हें नया आवास – 39 हार्डिंग रोड – आवंटित किया है। यह बदलाव न केवल लालू परिवार के लिए भावनात्मक झटका है, बल्कि राजनीतिक रूप से भी भाजपा-नीतीश गठबंधन की मजबूती का संकेत माना जा रहा है।
20 साल पुराना ठिकाना अब बदलेगा
लालू परिवार 2005 में नीतीश कुमार सरकार बनने के बाद 16 जनवरी 2006 से लगातार 10 सर्कुलर रोड बंगले में रह रहा था। यह बंगला मूल रूप से राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री के रूप में आवंटित किया गया था, और बाद में विपक्ष के नेता के पद पर रहते हुए इसे बरकरार रखा गया। लेकिन 2025 विधानसभा चुनावों में एनडीए की ऐतिहासिक जीत (202 सीटें) के बाद नई सरकार ने नियमों का सख्ती से पालन शुरू कर दिया है। भवन निर्माण विभाग के संयुक्त सचिव व भू-सम्पदा पदाधिकारी शिव रंजन ने मंगलवार को औपचारिक पत्र जारी कर राबड़ी देवी को पुराना बंगला खाली करने और नए स्थान पर शिफ्ट होने का निर्देश दिया।
यह बंगला लालू परिवार का राजनीतिक केंद्र रहा है, जहां लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव और अन्य परिजन अक्सर रुकते रहे हैं। तेजस्वी को विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में 1 पोलो रोड का बंगला मिला है, लेकिन वे इसे मुख्य रूप से कार्यालय के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। नया बंगला 39 हार्डिंग रोड एक विशाल संपत्ति है, जो तीन एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला है और आमतौर पर मंत्रियों के लिए आरक्षित होता है। विभाग के मंत्री विजय कुमार चौधरी (जेडीयू कोटे से) ने कहा कि यह आवंटन राबड़ी देवी के पद के अनुरूप है और इसमें पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हैं।
भाजपा की चुटकी: 'ट्रैक रिकॉर्ड' का जिक्र
इस बदलाव पर भाजपा प्रवक्ता नीरज कुमार ने तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “अगर राबड़ी देवी जी को 10 सर्कुलर रोड का बंगला खाली करने का आदेश मिला है, तो उन्हें तुरंत इसे खाली कर देना चाहिए। उम्मीद है कि इस बार वे अपने परिवार के ‘ट्रैक रिकॉर्ड’ की तरह सरकारी संपत्ति की चोरी या नुकसान नहीं पहुंचाएंगी। बाथरूम की टोटी तक नहीं खोलेंगी, क्योंकि हमारी पैनी नजर बनी रहेगी।” भाजपा का यह बयान लालू परिवार के चारा घोटाले और अन्य मामलों का अप्रत्यक्ष इशारा माना जा रहा है।
विपक्षी दलों ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दिया है, लेकिन एनडीए सरकार इसे नियमों का पालन बता रही है। चुनावी हार के बाद आरजेडी को 35 सीटें ही मिलीं, जबकि एनडीए ने 2010 के बाद दूसरी बार 200 से अधिक सीटें हासिल कीं। यह कदम नई सरकार की पारदर्शिता और संपत्ति प्रबंधन की नई नीति का हिस्सा लगता है।
लालू परिवार के लिए यह बदलाव चुनौतीपूर्ण है, खासकर तब जब हाल ही में लालू की बेटियां भी पटना निवास छोड़ चुकी हैं। अब सवाल उठ रहा है कि क्या यह बंगला विवाद और तेज होगा या शांतिपूर्ण समाप्ति होगी?




