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छत्तीसगढ़ में बड़ी कामयाबी: 103 नक्सलियों ने किया सरेंडर, 49 पर था 1 करोड़ से ज्यादा का इनाम

DeskNoida
3 Oct 2025 3:00 AM IST
छत्तीसगढ़ में बड़ी कामयाबी: 103 नक्सलियों ने किया सरेंडर, 49 पर था 1 करोड़ से ज्यादा का इनाम
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अधिकारियों का कहना है कि यह छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार हुआ है जब इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों ने एक साथ आत्मसमर्पण किया है।

छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे पर सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। बीजापुर जिले में दशहरा पर्व के दिन माओवादी संगठन को बड़ा झटका देते हुए 103 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें से 49 नक्सलियों पर कुल ₹1 करोड़ 7 लाख रुपये का इनाम घोषित था।

जानकारी के मुताबिक, सभी नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक (SP) कार्यालय पहुंचकर सरेंडर किया। अधिकारियों का कहना है कि यह छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार हुआ है जब इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों ने एक साथ आत्मसमर्पण किया है।

अमित शाह के दौरे से पहले बड़ी सफलता

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 4 अक्टूबर को बस्तर प्रवास पर आने वाले हैं। ऐसे में उनके दौरे से पहले यह सरेंडर सुरक्षा बलों के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना माओवादी संगठन में टूट और कमजोर पड़ने का संकेत है।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की पहचान

बीजापुर SP डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि सरेंडर करने वालों में डीव्हीसीएम-1, पीपीसीएम-4, एसीएम-4, प्लाटून पार्टी सदस्य-1, डीएकेएमएस अध्यक्ष-3, सीएनएम अध्यक्ष-4, केएएमएस अध्यक्ष-2, एरिया कमेटी सदस्य-5, मिलिशिया कमांडर/डिप्टी कमांडर-5, जनताना सरकार अध्यक्ष-4, पीएलजीए सदस्य-1, सीएनएम सदस्य-12, जनताना सरकार उपाध्यक्ष-4, डीएकेएमएस उपाध्यक्ष-1, जनताना सरकार सदस्य-22, मिलिशिया प्लाटून सदस्य-23, जीपीसी-2, डीएकेएमएस सदस्य-4 और भूमकाल मिलिशिया सदस्य-1 शामिल हैं।

इनाम और पुनर्वास नीति

49 नक्सलियों पर कुल ₹1 करोड़ 7 लाख रुपये का इनाम घोषित था। SP यादव ने कहा कि यह सिर्फ आत्मसमर्पण नहीं है, बल्कि हिंसा और भ्रम पर आधारित विचारधारा की हार है। आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ मिलेगा।

दंतेवाड़ा में भी 71 नक्सली कर चुके हैं सरेंडर

इससे पहले 24 सितंबर को दंतेवाड़ा जिले में भी 71 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था, जिनमें से 30 पर ₹64 लाख का इनाम घोषित था। वे सभी ‘लोन वर्राटू अभियान’ के तहत पुलिस और CRPF अधिकारियों के सामने सरेंडर हुए थे। लगातार बढ़ते दबाव के चलते माओवादी संगठन बैकफुट पर आ चुका है।

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