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मेनका गांधी ने कहा नसबंदी के बाद कुत्तों को छोड़ना, SC का फैसला वैज्ञानिक तथा ऐतिहासिक ...

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है, अब उन्हें स्थायी रूप से नहीं हटाया जा सकता है। कोर्ट ने कहा हर इलाके में खाने वाली जगह तय की जाए, मतलब कुत्तों को कहीं भी खाना न दिया जाए। कोर्ट के इस फैसले को पशु अधिकार कार्यकर्ता मेनका गांधी ने एक वैज्ञानिक तथा ऐतिहासिक कदम बताया है।
सुप्रीम कोर्ट ने किया ऐतिहासिक फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने कुत्तों को लेकर ऐतिहासिक फैसला किया है। दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को लेकर लंबे समय से बहस चल रही थी। इस फैसले के अनुसार अब आवारा कुत्तों को उनके इलाके से उठाकर दूसरी जगह नहीं ले जाया सकेगा। कोर्ट ने कुत्तों के काटने के मामले एवं उनकी सुरक्षा को लेकर संतुलन बनाने की कोशिश की है।
मेनका गांधी ने कहा कोर्ट ने वैज्ञानिक पहलू देखा
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को पशु अधिकार कार्यकर्ता एवं बीजेपी की नेता मेनका गांधी ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि मैं इस वैज्ञानिक फैसले से बहुत खुश हूं। कुत्तों के काटने का कारण केवल विस्थापन तथा डर है। रेबीज़ से संक्रमित कुत्तों को छोड़ने जैसी कोई बात नहीं है। आगे उन्होंने कहा, अदालत ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि आक्रामक कुत्ता किसे कहा जाएगा। इसे भी परिभाषित करना चाहिए निर्धारित फीडिंग एरिया बनाने का आदेश एकदम ठीक है। निगम को ऐसे निर्धारित क्षेत्रों के लिए साइनबोर्ड भी लगाने चाहिए। अदालत के आदेश अनुसार, नगर निगमों को एनिमल बर्थ कंट्रोल केंद्र स्थापित करने होंगे। वहीं, सरकार ने पहली बार संसद में कहा है कि इस कार्यक्रम के लिए 2,500 करोड़ रुपये का आवंटन किया जाएगा।
अन्य विशेषज्ञों के मुताबिक
मेनका गांधी तथा अन्य विशेषज्ञों के मुताबिक, जब कुत्तों को उनके परिचित क्षेत्र से अलग किया जाता है तो उनमें तनाव और डर पैदा होता है। यह डर ही उन्हें आक्रामक बना देता है, जिससे वे इंसानों पर हमला कर सकते हैं। कोर्ट के द्वारा भी इसी वैज्ञानिक तर्क को आधार बनाया है।
पूर्व सांसद वरुण गांधी ने कहा
वहीं पूर्व सांसद वरुण गांधी ने कहा कि हमें सुप्रीम कोर्ट के प्रति गहरी कृतज्ञता प्रकट करनी चाहिए। कोर्ट ने दूरदर्शिता, संवेदनशीलता तथा सच्ची उदारता का परिचय दिया है। हर जीव हमें आशीर्वाद देने में सक्षम है।
कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कई महत्वपूर्ण बातें कही हैं, जो कि पूरे देश में लागू होंगी। आवारा कुत्तों को उनके इलाके से स्थायी रूप से नहीं हटाया जाएगा। कुत्तों को सिर्फ नसबंदी के लिए उठाया जाएगा एवं प्रक्रिया पूरी होने के बाद उसी जगह में वापस छोड़ दिया जाएगा। नगर निगमों को कुत्तों को खाना खिलाने के लिए डेजिग्नेटेड फीडिंग एरिया बनाने होंगे और वहां साइनबोर्ड भी लगाने होंगे। नगर निगमों को एबीसी सेंटर स्थापित करने होंगे, जिसमें कुत्तों की नसबंदी और देखभाल की जाएगी।
वकील ननिता शर्मा ने भी कोर्ट के फैसले की सराहना की है
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाली वकील ननिता शर्मा ने भी इस फैसले की सराहना की है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से स्पष्ट हो गया कि कि कुत्तों को नसबंदी के बाद वापस छोड़ना होगा।