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मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने धीरेंद्र शास्त्री को लेकर दिया विवादित बयान, कहा- हजरत-ए-आदम की औलाद

Aryan
8 Sept 2025 5:56 PM IST
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने धीरेंद्र शास्त्री को लेकर दिया विवादित बयान, कहा- हजरत-ए-आदम की औलाद
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धीरेंद्र शास्त्री के अनुसार भारत में नकली मुसलमान रहते हैं और विदेशों में असली मुसलमान हैं।

बरेली। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री का नाम चर्चा में बना रहता है। जहां एक ओर बड़ी हस्तियां आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री के समर्थन में आ गई है तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इनका खुलकर विरोध करते हैं। इसी कड़ी में एक और बड़ा नाम जुड़ गया है जिन्होंने आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री पर आरोप लगाया है कि बागेश्वर बाबा इस्लाम के खिलाफ साजिश करते हैं। दरअसल ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा है कि बाबा नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं साथ में इस्लाम का मजाक भी उड़ाते हैं। धीरेंद्र शास्त्री कहते हैं कि भारत में नकली मुसलमान रहते हैं।

बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा

बता दें, कि बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने पहले भी धीरेंद्र शास्त्री पर इस्लाम के खिलाफ साजिश करने का आरोप लगाया था। अब दोबारा मौलाना रजवी कह रहे हैं कि भारत पहले से ही हिंदू राष्ट्र है, लेकिन धीरेंद्र शास्त्री कुछ अलग ही लय में बोलते रहते हैं। धीरेंद्र शास्त्री के अनुसार भारत में नकली मुसलमान रहते हैं और विदेशों में असली मुसलमान हैं। आखिर नकली और असली की मुसलमानों की पहचान कैसे और किस तरह कर रहे हैं, उन्हें यह उन्हें बताना चाहिए।

दुनिया में सबसे पहले इंसान हजरत-ए-आदम आए थे

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी के मुताबिक दुनिया में सबसे पहले इंसान हजरत-ए-आदम आए थे। दुनिया में चाहे किसी भी मजहब के मानने वाले लोग हों, वह हजरत-ए-आदम की ही औलाद माने जाएंगे। धीरेंद्र शास्त्री भी हजरत-ए-आदम की औलाद हैं। हजरत-ए-आदम मुसलमान थे। अब उनकी औलादों को क्या कहा जाए, धीरेंद्र शास्त्री को क्या कहा जा सकता है, यही कि वो भी मुसलमान है।

असली लोग खामोश रहते हैं और नकली शोर मचाते हैं

शहाबुद्दीन रजवी ने आगे कहा कि असली और नकली में तय करना होता है। जो नकली होता है वो शोर मचाकर ढोल बजाकर फर्क करता है। असली लोग हमेशा खामोश रहते हैं। भारत में जितने भी मुसलमान हैं, वह शरीयत और इस्लाम के वसूलों पर सख्ती से अमल करते हैं। विदेश के मुसलमान इतनी शरीयत की पाबंदी नहीं करते हैं। यह बात धीरेंद्र शास्त्री को चुभती है एवं उनके दिल में को धक्का देती है।


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