
- Home
- /
- मुख्य समाचार
- /
- माइक्रोसॉफ्ट ने लिया...
माइक्रोसॉफ्ट ने लिया कड़ा फैसला, 9,000 कर्मचारी होंगे बेरोजगार; जानिए क्या पड़ेगा असर

माइक्रोसॉफ्ट ने अपने वैश्विक कार्यबल का लगभग चार प्रतिशत घटाते हुए 9,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला किया है। बुधवार, 2 जुलाई को कंपनी ने बताया कि अलग-अलग विभागों में काम कर रहे कर्मचारियों को यह छंटनी प्रभावित करेगी। यह कदम दुनिया भर में लागू किया जाएगा और इसमें सभी स्तर के पेशेवर शामिल हैं।
आम तौर पर कंपनी वित्तीय वर्ष के अंत में अपने ढांचे में बदलाव करती है, लेकिन इस बार यह घोषणा महीने की शुरुआत में ही कर दी गई। CNBC की रिपोर्ट के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी बाजार में प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए जरूरी संगठनात्मक बदलाव जारी रखेगी।
इस वर्ष माइक्रोसॉफ्ट ने कई बार छंटनियों की घोषणा की। जनवरी में कंपनी ने प्रदर्शन के आधार पर एक प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी की थी। मई में 6,000 से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरियां खत्म हुईं, जबकि जून में करीब 300 और लोगों को हटाया गया। इससे पहले 2023 में भी कंपनी ने 10,000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था। यह माइक्रोसॉफ्ट के इतिहास की दूसरी सबसे बड़ी छंटनी बताई जा रही है। इससे पहले 2014 में कंपनी ने लगभग 18,000 लोगों को निकाला था।
हालांकि छंटनी के स्पष्ट कारण सामने नहीं आए हैं, लेकिन माना जा रहा है कि तेजी से बढ़ती कोडिंग असिस्टेंट टेक्नोलॉजी इसकी वजह हो सकती है। गूगल ने हाल ही में अपना कोडिंग असिस्टेंट लॉन्च किया है, जबकि माइक्रोसॉफ्ट ने इस बारे में कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है। लेकिन खबर है कि कंपनी अपनी आंतरिक कार्यप्रणालियों में बदलाव कर रही है। दरअसल, कोडिंग असिस्टेंट और AI आधारित टूल्स सॉफ्टवेयर विकास प्रक्रिया को ऑटोमेट कर रहे हैं, जिससे कर्मचारियों की जरूरत घट रही है।
माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसे दिग्गज कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च व डेवलपमेंट पर काफी खर्च कर रही हैं। इसके चलते डेवलपर्स की भूमिकाओं में भी बदलाव हो रहा है। माना जा रहा है कि यह बदलाव कोडर्स पर सबसे ज्यादा असर डाल सकता है।
हालांकि बुधवार को प्री-मार्केट ट्रेडिंग में माइक्रोसॉफ्ट के शेयर थोड़े गिरे, लेकिन साल की शुरुआत से अब तक इसमें 16% की बढ़त दर्ज हुई है। पिछले पांच वर्षों में कंपनी के शेयरों में 150% से अधिक उछाल आया है। दूसरी तरफ, मेटा भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च के लिए नए टैलेंट को जोड़ने में जुटा है। रिपोर्टों के अनुसार, मेटा ने इसके लिए 3 अरब डॉलर का निवेश किया है। बड़ी टेक कंपनियां अब होनहार AI प्रतिभाओं को अपने साथ जोड़ने के लिए मौजूदा संसाधनों और लागत में कटौती कर रही हैं।