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एमजे अकबर की 7 साल बाद टीम मोदी में वापसी, मीटू मूवमेंट के दौरान यौन उत्पीड़न के लगे थे आरोप, जानें कौन हैं अकबर

Varta24Bureau
19 May 2025 7:49 PM IST
एमजे अकबर की 7 साल बाद टीम मोदी में वापसी, मीटू मूवमेंट के दौरान यौन उत्पीड़न के लगे थे आरोप, जानें कौन हैं अकबर
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साल 2018 में मीटू मूवमेंट के दौरान यौन उत्पीड़न के आरोपों के चलते एमजे अकबर के राजनीतिक करियर को बड़ा झटका लगा था

नई दिल्ली। एक समय पर पीएम मोदी के खास रह चुके एमजे अकबर 7 साल बाद टीम मोदी में वापसी कर रहे हैं। भारत सरकार ने उन्हें विश्व के सामने पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए गठित सात प्रतिनिधिमंडल में से एक का हिस्सा बनाया है। ये टीमें अलग-अलग देशों का दौरा करेंगी और पाकिस्तान के आतंकवाद में शामिल होने पर विश्व के सामने भारत का पक्ष रखेंगे।

पत्रकार से बने राजनेता

74 साल के एमजे अकबर 1970 के दशक में संडे और एशिया जैसे प्रकाशनों में लेखन कर चुके हैं। इसके बाद वह द टेलीग्राफ और एशियन एज जैसे अखबारों के भी संपादक रह चुके हैं। साथ ही उनकी किताबें, नेहरू: द मेकिंग ऑफ इंडिया और कश्मीर: बिहाइंड द वेल, इतिहास और राजनीति के गहन विश्लेषण के लिए जानी जाती हैं।

इसके बाद एमजे अकबर ने साल 1989 में बिहार के किशनगंज से कांग्रेस सांसद के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया। हालांकि, 1991 में वह सीट हार गए थे। साल 2014 में बीजेपी में शामिल हुए, जिसके चलते 2015 में राज्यसभा सांसद और 2016 में मोदी सरकार में विदेश राज्य मंत्री बने।

मीटू ने दिया बड़ा झटका

साल 2018 में मीटू मूवमेंट के दौरान यौन उत्पीड़न के आरोपों के चलते एमजे अकबर के राजनीतिक करियर को बड़ा झटका लगा था। जिसके बाद से भाजपा ने भी उनसे दूरी बना ली थी।

दरअसल, लगभग 20 महिलाओं ने उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए, जिनमें से ज्यादातर पत्रकार थीं। इसके चलते उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। अकबर ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए एक महिला पत्रकार के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दायर किया। जिसे वह साल 2021 में हार गए थे। इस विवाद ने उनकी सार्वजनिक छवि को प्रभावित किया और वह कुछ समय के लिए राजनीतिक हाशिए पर चले गए।

प्रतिनिधिमंडल से वापसी

अब बीजेपी नेता रवि शंकर प्रसाद के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनकर अकबर वैश्विक मंच पर वापसी कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी ने उनके चयन में अहम भूमिका निभाई। आतंकवाद और पाकिस्तान पर उनकी तीखी टिप्पणियों का हवाला देते हुए बीजेपी के एक वरिष्ठ रणनीतिकार ने कहा कि उनका शामिल होना न केवल पाकिस्तान के लिए बल्कि दुनिया के लिए एक संदेश है। एक लेखक के रूप में अकबर की समझ उनकी किताब टिंडरबॉक्स: द पास्ट एंड फ्यूचर ऑफ पाकिस्तान से साफ झलकती है। ये उन्हें सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख की वकालत करने वाली एक प्रमुख आवाज के रूप में स्थापित करती है।

इस संगठन ने किया विरोध

नेटवर्क ऑफ वीमेन इन मीडिया, इंडिया (NWMI) संगठन ने अकबर को प्रतिनिधिमंडल में शामिल किए जाने पर विरोध जताया है। संगठन का कहना है कि प्रतिनिधिमंडल में उनकी उपस्थिति उन मूल्यों को कमजोर करती है, जिन्हें भारत विश्व के सामने रखना चाहता है।

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