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मोदी सरकार ने निकाला ट्रंप टैरिफ का तोड़, निर्यातकों को मिलेगा बड़ा फायदा

अमेरिकी ट्रंप प्रशासन की ओर से भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए भारी टैरिफ के बीच केंद्र सरकार ने इसका प्रभावी समाधान निकाल लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में 25,060 करोड़ रुपये के व्यय के साथ निर्यात संवर्धन मिशन (Export Promotion Mission) को मंजूरी दी गई। यह योजना चालू वित्त वर्ष से शुरू होकर अगले छह वित्त वर्षों तक चलेगी।
सरकार का यह कदम उन भारतीय निर्यातकों के लिए बड़ा राहत भरा साबित हो सकता है, जो अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी से प्रभावित हुए हैं। इस मिशन को दो उप-योजनाओं — निर्यात प्रोत्साहन (Export Incentive) और निर्यात दिशा (Export Orientation) — के तहत लागू किया जाएगा।
एमएसएमई निर्यातकों को ब्याज सहायता
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस मिशन के तहत एमएसएमई (MSME) निर्यातकों को ब्याज सहायता दी जाएगी, जिससे वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिक सकें। इसके साथ ही कैबिनेट ने महत्वपूर्ण खनिज मिशन (Critical Minerals Mission) के तहत ग्रेफाइट, सीजियम, रुबिडियम और जिरकोनियम जैसे खनिजों की रॉयल्टी दरों को युक्तिसंगत बनाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की।
ऋण गारंटी योजना (Credit Guarantee Scheme for Exporters)
कैबिनेट ने निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना (CGSE) को भी मंजूरी दी है। इस योजना के तहत नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (NCGTC) सदस्य वित्तीय संस्थानों को पात्र निर्यातकों — जिनमें एमएसएमई भी शामिल हैं — को 20,000 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त ऋण सुविधा प्रदान करने पर 100% ऋण गारंटी कवरेज देगी।
इससे छोटे और मध्यम स्तर के निर्यातकों को बैंक से कर्ज पाने में आसानी होगी और उनका वित्तीय बोझ कम होगा।
ट्रंप टैरिफ का तोड़ — लक्षित सेक्टरों को राहत
सरकार ने स्पष्ट किया कि निर्यात संवर्धन मिशन का मुख्य उद्देश्य अमेरिकी ट्रंप प्रशासन द्वारा बढ़ाए गए टैरिफ के असर को कम करना है। 27 अगस्त से लागू इस टैरिफ ने भारतीय उत्पादों पर 50% तक का शुल्क लगा दिया था, जिससे वस्त्र, चमड़ा, रत्न-आभूषण, इंजीनियरिंग सामान और समुद्री उत्पाद जैसे क्षेत्रों पर सीधा असर पड़ा।
नया मिशन इन प्रभावित क्षेत्रों को प्राथमिकता के आधार पर सहायता प्रदान करेगा। इसके तहत सरकार का लक्ष्य निर्यात ऑर्डरों को बनाए रखना, मौजूदा नौकरियों की रक्षा करना और नए बाजारों में प्रवेश को प्रोत्साहित करना है।
खनिज क्षेत्र में नई ऊर्जा
सरकार ने घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए चार प्रमुख खनिजों — ग्रेफाइट, सीजियम, रुबिडियम और जिरकोनियम — की रॉयल्टी दरों को तर्कसंगत बनाने का निर्णय लिया है। मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इन खनिजों के ब्लॉकों की नीलामी जल्द आयोजित की जाएगी, जिससे न केवल इन खनिजों का उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि इनसे जुड़े अन्य खनिज जैसे लिथियम, टंगस्टन, नियोबियम और रेयर अर्थ एलीमेंट्स (REEs) को भी लाभ मिलेगा।
इस फैसले से भारत को वैश्विक आपूर्ति शृंखला (Global Supply Chain) में एक मजबूत स्थान हासिल करने में मदद मिलेगी।
आर्थिक मोर्चे पर बड़ा कदम
विशेषज्ञों का मानना है कि मोदी सरकार का यह निर्णय भारत के निर्यात क्षेत्र को वैश्विक व्यापारिक असंतुलन से उबरने में मदद करेगा। ट्रंप टैरिफ से प्रभावित कंपनियों को अब प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर वित्तीय सहायता, कर रियायतें और गारंटी कवर मिलेगा, जिससे वे अमेरिका और यूरोप के बाजारों में अपनी हिस्सेदारी फिर से मजबूत कर पाएंगी।
कुल मिलाकर, यह फैसला भारत के निर्यातकों के लिए एक रणनीतिक बढ़त और देश की अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।




