Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य समाचार

हिंदू होने की वजह से रद्द किया मेरा टिकट...हुमायूं कबीर के फैसले पर निशा चटर्जी ने कहा-अश्लील वीडियो है तो उसे सार्वजनिक किया जाए

Aryan
24 Dec 2025 1:19 PM IST
हिंदू होने की वजह से रद्द किया मेरा टिकट...हुमायूं कबीर के फैसले पर निशा चटर्जी ने कहा-अश्लील वीडियो है तो उसे सार्वजनिक किया जाए
x
निशा चटर्जी ने कहा कि पार्टी को उनके सोशल मीडिया कंटेंट से आपत्ति थी तो उम्मीदवार घोषित करने से पहले उनके बैकग्राउंड की जांच क्यों नहीं की गई।

कोलकता। पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले ही हुमायूं कबीर की नवनिर्मित जनता उन्नयन पार्टी में बड़ा विवाद खुलकर सामने आ गया है। दरअसल पार्टी लॉन्च होते ही महज 24 घंटे के अंदर हुमायूं कबीर ने अपनी ही पार्टी की घोषित उम्मीदवार निशा चटर्जी का टिकट रद्द कर दिया। वहीं इस मामले में निशा चटर्जी ने आरोप लगाया है कि उन्हें सिर्फ हिंदू होने की वजह से निशाना बनाया गया है।

निशा चटर्जी ने जनता उन्नयन पार्टी पर साधा निशाना

बता दें कि सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और उद्योगकर्मी निशा चटर्जी ने जनता उन्नयन पार्टी प्रमुख हुमायूं कबीर पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से उन्हें जानबूझकर उम्मीदवार सूची से हटाया गया हैं। इसके पीछे असली वजह उनका हिंदू होना है। निशा चटर्जी ने पार्टी नेतृत्व को चुनौती दी कि अगर उनका कोई वीडियो अश्लील है तो उसे सार्वजनिक किया जाए। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर पार्टी को उनके सोशल मीडिया कंटेंट से आपत्ति थी तो उम्मीदवार घोषित करने से पहले उनके बैकग्राउंड की जांच क्यों नहीं की गई।

पार्टी ने लगाया यह आरोप

वहीं, हुमायूं कबीर ने निशा चटर्जी की उम्मीदवारी रद्द करने के पीछे उनके कुछ सोशल मीडिया वीडियो को कारण बताया है। पार्टी ने कहा कि वायरल रील्स बंगाल विधानसभा जैसी 'पवित्र संस्था' के लायक नहीं है।

हुमायूं कबीर ने रखी थी बाबरी मस्जिद की नींव

गौरतलब है कि हुमायूं कबीर उस समय चर्चा में आए थे, जब उन्होंने 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की नींव रखने का ऐलान किया था। इस मामले को लेकर सियासत गरमा गई थी, तो टीएमसी ने उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया था। हालांकि बाद में हुमायूं ने अपनी नई पार्टी जनता उन्नयन पार्टी बनाने का ऐलान किया। हुमायूं ने निशा चटर्जी को टिकट देने का ऐलान भी किया था। लेकिन बाद में अपने फैसले से पीछे हट गए, जिससे कोलकाता में सियासी माहौल गर्म हो गया।

Next Story