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नमो भारत ने परिचालन के दो वर्ष में पूरी की 2 करोड़ कम्यूटर ट्रिप, क्षेत्र में बना परिवहन का पसंदीदा साधन

Anjali Tyagi
12 Dec 2025 9:30 PM IST
नमो भारत ने परिचालन के दो वर्ष में पूरी की 2 करोड़ कम्यूटर ट्रिप, क्षेत्र में बना परिवहन का पसंदीदा साधन
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नई दिल्ली। नमो भारत ने परिचालन के दो साल के अन्दर 2 करोड़ कम्यूटर ट्रिप्स का माइलस्टोन पार कर लिया है और इस क्षेत्र में परिवहन के पसंदीदा साधन के रुप में अपना स्थान बना लिया है। अक्टूबर 2023 में इसके परिचालन के आरंभ के बाद से दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर पर यात्रियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है, जो इस परिवहन साधन के प्रति लोगों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।

प्रधानमंत्री ने 20 अक्टूबर 2023 को साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 17 किमी लंबे प्राथमिक खंड का उद्घाटन किया था, जिसके अगले दिन यानी 21 अक्टूबर से इस कॉरिडोर पर परिचालन का आरंभ हुआ था। परिचालन के एक महीने पूरे होने के बाद, नवंबर 2023 में कॉरिडोर पर 72,000 से अधिक प्रतिमाह राइडरशिप दर्ज की गई थी। वर्ष 2024 में, कॉरिडोर के परिचालित खंड का मार्च के महीने में मोदीनगर नॉर्थ तक और अगस्त में मेरठ साउथ तक चरणबद्ध रूप से विस्तार किया गया, जिसके साथ ही राइडरशिप में भी लगातार बढ़ोतरी होती रही। वर्ष 2024 के अंत तक, नौ स्टेशनों के साथ कॉरिडोर का 42 किमी का खंड जनता के लिए खोल दिया गया, जिसके साथ ही दिसंबर माह में प्रति माह राइडरशिप बढ़कर लगभग 7 लाख हो गई। यह दिसंबर 2023 में दर्ज राइडरशिप की संख्या से लगभग 10 गुना अधिक है, जो इस आधुनिक परिवहन साधन की लगातार बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।

जनवरी 2025 में प्रधानमंत्री द्वारा न्यू अशोक नगर से साहिबाबाद तक दिल्ली सेक्शन में 13 किमी लंबे अतिरिक्त खंड का उद्घाटन किया गया। इस उद्घाटन के साथ ही दिल्ली में दो स्टेशन जनता के लिए खोल दिए गए, जिनमें से एक आनंद विहार था जोकि एक महत्वपूर्ण मल्टी-मॉडल हब है। इस खंड के परिचालन से न सिर्फ़ दिल्ली, ऐतिहासिक शहर मेरठ से जुड़ गई, बल्कि राष्ट्रीय राजधानी और आस-पास के राज्यों के हज़ारों लोग आसानी से इस प्रणाली का प्रयोग करने लगे और नमो भारत से यात्री बन गए। परिचालित खंड के विस्तार के साथ ही वर्ष 2025 के मध्य तक, यानी जुलाई के महीने में प्रति माह राइडरशिप लगभग 15 लाख का आंकड़ा छूने लगी, जो पिछले साल के अंत में दर्ज की गई राइडरशिप का संख्या के दोगुने से भी ज़्यादा थी। इसी के साथ, नमो भारत में दैनिक यात्रियों की सबसे अधिक संख्या, 81,550 दर्ज की गई। वर्तमान में, औसतन 55000- 60,000 लोग रोज़ाना नमो भारत ट्रेन में सफर कर रहे हैं और जल्द ही, पूरे कॉरिडोर के परिचालन के साथ यह रोज़ाना लाखों यात्रियों को सेवा प्रदान करेगी।

नमो भारत में यात्रियों की लगातार बढ़ती संख्या की वजह है- दिल्ली और मेरठ के बीच लगने वाला कम यात्रा समय, आरामदायक अनुभव, निरंतर एवं कुशल ट्रेन सेवा और पीक आवर्स में भी समयबद्ध यात्रा का भरोसा। साथ ही, यात्रियों की बढ़ती डिमांड को देखते हुए, एनसीआरटीसी ने नमो भारत ट्रेनों की फ्रीक्वेंसी 15 मिनट से घटाकर 10 मिनट कर दी है और भविष्य में इसे और कम करते हुए 3 मिनट तक करने का भी प्रबंध है।

मेरठ के अशोक राणा कहते हैं कि नमो भारत ट्रेन में यात्रा कर वह अपने समय का सही इस्तेमाल कर पा रहे हैं। जो समय पहले आनंद विहार तक पहुंचने में ही खराब हो जाता था, वह इसे नमो भारत के जरिए बचा रहे हैं। वह सफर के दौरान अपना काम भी कर लेते हैं। उन्होंने कहा, “अब ट्रैफिक जाम में नहीं फंसना पड़ता, बस का इंतजार नहीं करना पड़ता। आप नमो भारत में बैठो और आराम से अपने गंतव्य तक पहुंच जाओ। मुझे बेसब्री से इंतजार है कि जल्दी ही मैं मोदीपुरम तक की यात्रा कर सकूंगा।“

बहुत से लोग भीषण गर्मी या मॉनसून में बारिश से परेशान होकर, या फिर त्योहारों के मौसम में, जब भीड़भाड़ और ट्रैफिक जाम के कारण सड़क से यात्रा प्रभावित थी, राहत के लिए नमो भारत से यात्रा करने के लिए प्रेरित हुए। पर एक बार जब उन्होंने नमो भारत में तेज़, वातानुकूलित, आरामदायक, किफ़ायती यात्रा का अनुभव किया, तो यह नका पसंदीदा वाहन बन गई और फिर कभी वापस नहीं गए।

मेरठ की एक सरकारी स्कूल टीचर ने अपना अनुभव बताते हुए कहती हैं, “जब भी कोई ट्रेनिंग या वर्कशॉप होती थी, तो मेरी तो रातों की नींद उड़ जाती थी क्योंकि अक्सर ये गाज़ियाबाद या ऐसे ही इलाकों में होती थीं। समय भी सुबह 8.30 या 9 बजे का होता था। इतनी जल्दी मेरठ से दूसरे शहर पहुँचने के लिए बसों से यात्रा करना बहुत मुश्किल था। पहली बात तो यह कि बसें कभी भी समय पर नहीं मिलती थीं, अगर किस्मत से मिल भी जाएँ तो उनमें बहुत भीड़ होती थी, और सीटों के बारे में मैं कुछ न कहूं तो ही अच्छा है। मैं नमो भारत के लिए सरकार का दिल से धन्यवाद करती हूँ। इसमें यात्रा करना सुरक्षित है, समय भी बचाती है और महिलाओं के लिए आरक्षित कोच होने की वजह से सीटों की कभी कमी नहीं होती।”

परिचालित खंड के विस्तार के साथ-साथ, एनसीआरटीसी यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रही है। नमो भारत स्टेशनों तक पहुँचने और वहाँ से आगे यात्रा करने के लिए फर्स्ट और लास्ट-माइल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की लगातार कोशिश की जा रही है। रैपिडो और उबर जैसे कई लास्ट-माइल सर्विस प्रोवाइडर स्टेशनों पर अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। साथ ही, DEVI (दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल इंटरचेंज स्कीम) बस योजना के अंतर्गत चलने वाली इलेक्ट्रिक बसों के रूट को दिल्ली के आनंद विहार और न्यू अशोक नगर नमो भारत स्टेशनों के साथ इंटीग्रेट किया गया है। दिल्ली मेट्रो के साथ इंटीग्रेटेड टिकटिंग की भी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे यात्री दोनों में से किसी भी परिवहन साधन के मोबाइल एप्लिकेशन से दोनों के लिए टिकट बुक कर सकते हैं।

वर्तमान में, दिल्ली में न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ के बीच 11 स्टेशनों के साथ 55 किमी का खंड जनता के लिए परिचालित है। शेष खंड, यानी दिल्ली में सराय काले खां से न्यू अशोक नगर तक और मेरठ साउथ से मेरठ में मोदीपुरम तक के सेक्शन के परिचालित होने के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का केंद्र, मेरठ शहर के के केंद्र तक जुड़ जाएगा, जिससे दैनिक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और मज़बूत हो जाएगी। इसके साथ ही, दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर पर ही मेरठ मेट्रो की भी सुविधा प्रदान की जाएगी जिससे लोगों के लिए यात्रा और भी आसान हो जाएगी।

नमो भारत द्वारा 2 करोड़ कम्यूटर ट्रिप का माइलस्टोन हासिल करना यह दिखाता है कि इस क्षेत्र में क्षेत्रीय यात्रा के तरीके में लगातार बदलाव आ रहा है, जिसके कारण रोज़गार, शिक्षा, स्वास्थ्य और निजी यात्रा के लिए नमो भारत को चुनने वाले यात्रियों की संख्या में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है। साथ ही, ये यह भी दर्शाता है कि नमो भारत द्वारा सड़क पर चलने वाले वाहनों पर निर्भरता में भी कमी आ रही है।

यह माइलस्टोन नमो भारत को परिचालित करने की यात्रा में एक बड़ा कदम है और इस क्षेत्र में दैनिक यात्रा के लिए एक भरोसेमंद विकल्प के रूप में इसकी बढ़ती भूमिका को रेखांकित करता है। में इसकी बढ़ती भूमिका को रेखांकित करता है।

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