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National Herald Case: 'प्रथम मामला बनता है'... 2 से 8 जुलाई तक रोजाना होगी सुनवाई, जानें क्या बोला ईडी

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपी सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बारे में दिल्ली की एक अदालत को बताया कि सोनिया और राहुल गांधी ने इस मामले में अपराध के जरिए 142 करोड़ रुपये की कमाई की है।इस मामले में सभी के खिलाफ पहली नजर में धन शोधन का 'प्रथम मामला बनता है'। ईडी ने विशेष न्यायाधीश विशाल गोग्ने के सामने दलील रखीं। मामले का संज्ञान लिया जाए या नहीं, इस बारे में शुरुआती दलील में ईडी ने यह बात कही।
कब शुरू हुई केस की जांच
इस मामले में की जांच बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की निजी शिकायत के आधार पर शुरू हुई थी। बता दें कि स्वामी की 26 जून, 2014 में दाखिल एक निजी शिकायत पर मजिस्ट्रेट कोर्ट की तरफ से संज्ञान लिए जाने के बाद ईडी ने 2021 में अपनी जांच शुरू की थी। एजेंसी ने हाल में अपना आरोपपत्र दायर किया था।
सोनिया-राहुल को मिले 142 करोड़
ईडी की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने दावा किया कि सोनिया और राहुल गांधी को आपराधिक तौर पर 142 करोड़ रुपये मिले हैं। जिसके बाद लगे आरोप के जबाव की देरी है।
क्या लगा है आरोप
ईडी द्वारा दी गई चार्टशीट में कहा गया है कि नेशनल हेराल्ड अखबार की हजारों करोड़ों की संपत्ति को अवैध तरीके से यंग इंडियन लिमिटेड के नाम करवा लिया गया जो सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अधीन है। नैशनल हेराल्ड अखबार चलाने वाली कंपनी एसोसिएट जनरल लिमिटेड पर करीब 90 करोड़ रुपये का कर्ज चढ़ गया था। आरोप है कि यंग इंडियन ने साल 2011 में एजेएल के लगभग सभी शेयर और प्रॉपर्टी खरीद लिए और इस तरह करीब 5,000 करोड़ रुपये की संपत्ति मुख्य रूप से सोनिया-राहुल को ट्रांसफर हो गए।
जब्त की गई प्रॉपर्टी
12 अप्रैल 2025 को जांच के दौरान कुर्क संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई की गई थी। ED ने दिल्ली के हेराल्ड हाउस (5A, बहादुर शाह जफर मार्ग), मुंबई के बांद्रा (ईस्ट) और लखनऊ के विशेश्वर नाथ रोड स्थित AJL की बिल्डिंग पर नोटिस चिपकाए थे। 661 करोड़ की इन अचल संपत्तियों के अलावा AJL के 90.2 करोड़ रुपए के शेयरों को ED ने नवंबर 2023 में अपराध की आय को सुरक्षित करने और आरोपी को इसे नष्ट करने से रोकने के लिए कुर्क किया था।
नेशनल हेराल्ड क्या है?
नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना 1938 में जवाहरलाल नेहरू और अन्य लोगों ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को समर्थन देने के लिए की थी। यह अखबार एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) द्वारा प्रकाशित किया जाता था। जो 1937 में गठित एक गैर-लाभकारी कंपनी थी, जो कौमी आवाज (उर्दू) और नवजीवन (हिंदी) भी प्रकाशित करती थी। साल 2008 में AJL ने भारी कर्ज समेत वित्तीय मुश्किलों की वजह से नेशनल हेराल्ड और उसके सहयोगी पब्लिकेशंस का प्रकाशन बंद कर दिया था।