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NAVRATRI 2025 : इस बार दो दिन होगी मां चंद्रघंटा की पूजा, जानें क्यों तीसरी नवरात्रि की तिथि पड़ रही दो दिन

नई दिल्ली। इस बार तीसरी नवरात्रि दो दिन की पड़ रही है, जिसका मुख्य कारण तृतीया तिथि का फैलाव है। हिंदू पंचांग के अनुसार, तिथि की गणना सूर्योदय के आधार पर की जाती है। जब कोई तिथि एक सूर्योदय से शुरू होकर अगले सूर्योदय तक जारी रहती है, तो वह दो दिनों तक मान्य मानी जाती है।
कारण
- पंचांग के अनुसार, तृतीया तिथि 24 सितंबर 2025 को सुबह से शुरू होकर अगले दिन यानी 25 सितंबर की सुबह तक रहेगी।
- इसका मतलब है कि 24 और 25 सितंबर, दोनों दिन सूर्योदय के समय तृतीया तिथि रहेगी।
- हिंदू धर्म में, सूर्योदय के समय जो तिथि होती है, उसी को पूरे दिन का माना जाता है। इसलिए इस बार मां चंद्रघंटा की पूजा दो दिन, 24 और 25 सितंबर, दोनों दिन की जाएगी।
सूर्योदय का संयोग
इस कारण से, 24 और 25 सितंबर दोनों ही दिन सूर्योदय तृतीया तिथि में होगा, जो कि एक दुर्लभ और शास्त्रसम्मत संयोग है.
चतुर्थी तिथि का संगम
तृतीया के दूसरे दिन यानी 25 सितंबर को तृतीया और चतुर्थी तिथि का संगम होगा.
इस संयोग का महत्व
1. अद्भुत संयोग- यह एक दुर्लभ और अद्भुत संयोग है जिससे नवरात्रि के पूरे 10 दिनों का पर्व हो जाएगा, जिसमें एक अतिरिक्त दिन जुड़ गया है।
2. मां चंद्रघंटा का पूजन- यह शुभ अवसर माना जाता है, और इसी कारण मां चंद्रघंटा की पूजा लगातार 24 और 25 सितंबर 2025 को की जाएगी।
इसका क्या मतलब है?
- यह संयोग मां चंद्रघंटा की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जा रहा है।
- इस कारण से भक्तों को मां चंद्रघंटा की पूजा लगातार दो दिन यानी 24 और 25 सितंबर को करने का अवसर मिलेगा।
- यह एक विशेष और अनूठा अवसर है, जिसे बेहद शुभ माना जा रहा है।