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NAVRATRI SPECIAL: सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक वैष्णो देवी मंदिर! यात्रा में आते हैं कई कठिन पड़ाव, जानें यात्रा का महत्व

कटरा। जम्मू-कश्मीर के त्रिकुटा पर्वत पर स्थित माता वैष्णो देवी का मंदिर भारत के सबसे पवित्र और प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक है। मंदिर को दुर्गा को समर्पित 108 महा (प्रमुख) शक्ति पीठों में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त है, जिन्हें वैष्णो देवी के रूप में पूजा जाता है।
वैष्णो देवी मंदिर
बता दें कि यह मंदिर जम्मू से लगभग 63 किलोमीटर और कटरा से 13 किलोमीटर दूर, त्रिकुटा पहाड़ियों में 5,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। मंदिर का प्रबंधन श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा किया जाता है। कटरा से शुरू होने वाली लगभग 13-14 किलोमीटर की चढ़ाई के बाद श्रद्धालु पवित्र गुफा तक पहुंचते हैं। यात्रा के लिए पैदल चलने के साथ-साथ घोड़े, पालकी, बैटरी कार और हेलीकॉप्टर जैसी सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं।
इतिहास और कथा
माना जाता है कि लगभग 700 साल पहले पंडित श्रीधर नामक एक ब्राह्मण पुजारी ने देवी वैष्णो देवी की खोज की थी। एक प्रचलित कथा के अनुसार, माता वैष्णवी ने एक भंडारे में उनकी मदद की थी और बाद में उन्हें एक दिव्य बालिका के रूप में दर्शन दिए थे। वहीं, एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, भैरवनाथ ने माता वैष्णो देवी का पीछा किया था। इससे बचने के लिए माता ने नौ महीने तक अर्द्धकुंवारी गुफा में तपस्या की थी। जब भैरव ने उन्हें फिर से खोज निकाला, तो माता ने महाकाली का रूप धारण कर उसका वध कर दिया। अपनी गलती का एहसास होने पर भैरवनाथ ने माता से क्षमा मांगी, जिसके बाद माता ने उन्हें भी पूजा जाने का वरदान दिया।
दर्शन के स्थान
वैष्णो देवी की यात्रा में कई महत्वपूर्ण पड़ाव आते हैं
1. अर्द्धकुंवारी गुफा- यह वही गुफा है जहां माता ने भैरव से छिपकर नौ महीने तक तपस्या की थी।
2. भैरवनाथ मंदिर- माता वैष्णो देवी के दर्शन के बाद भैरवनाथ मंदिर के दर्शन को भी आवश्यक माना जाता है।
3. पवित्र गुफा- यही वह स्थान है जहाँ माता वैष्णो देवी पिंडी के रूप में विराजमान हैं। गुफा के अंदर तीन पिंडी हैं, जो महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती का प्रतीक हैं।
यात्रा की सुविधाएं
श्राइन बोर्ड द्वारा तीर्थयात्रियों के लिए कई सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, जिनमें यात्री निवास, लंगर (मुफ्त भोजन), चिकित्सा सुविधाएं और सामान रखने के लिए लॉकर शामिल हैं।
महत्व
यह मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि प्रकृति की सुंदरता से भरपूर एक अद्भुत स्थान भी है। यहां आकर श्रद्धालु भक्ति, आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सौंदर्य के अनूठे अनुभव का लाभ उठाते हैं। यह माना जाता है कि माता उन्हीं भक्तों को दर्शन के लिए बुलाती हैं, जिन्हें वे स्वयं चुनती हैं।