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NCRTC: न्यू अशोक नगर नमो भारत स्टेशन पर कारगिल विजय दिवस स्मारक जोन का उद्घाटन, इन वीरों के जीवन से लें प्रेरणा

नई दिल्ली। 26वें कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में, एनसीआरटीसी ने भारतीय सशस्त्र बलों के कारगिल वीरों को सम्मानित किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में, एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने शुक्रवार को न्यू अशोक नगर नमो भारत स्टेशन पर एक कारगिल विजय दिवस स्मारक जोन का उद्घाटन किया। इस जोन में विषम तापमान और दुर्गम पहाड़ियों के बीच भारत की सबसे चुनौतीपूर्ण सैन्य अभियानों में से एक कारगिल में लड़ने वाले वीरों और उनके शौर्य और पराक्रम को दर्शाया गया है।
साहस और बलिदान के बारे में व्यक्तिगत अनुभव किए साझा
इस कार्यक्रम में कारगिल के शहीद, कैप्टन विजयंत थापर की माता तृप्ता थापर और पिता कर्नल वी.एन. थापर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने अपने बेटे के जीवन और सेना में उनके कार्यकाल से जुड़े कुछ किस्से सुनाए और उनके साहस और बलिदान के बारे में व्यक्तिगत अनुभव साझा किए। कैप्टन विजयंत थापर ने कारगिल युद्ध में असाधारण शौर्य और साहस का परिचय दिया और देश के लिए अपने प्राणों की कुर्बानी दे दी। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। डिजिटल मीडिया पर उपलब्ध, अपने माता-पिता को लिखा उनका अंतिम पत्र भी देश के प्रति उनके अटूट प्रेम और समर्पण को उजागर करता है।
वे इन वीरों के जीवन से प्रेरणा लें
इस अवसर पर बोलते हुए एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने कहा कि "पूरे एनसीआरटीसी परिवार की ओर से मैं भारतीय सशस्त्र बलों के वीर जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। एनसीआरटीसी का प्रयास है कि नमो भारत के प्रत्येक यात्री को इस दिन के विषय में पता चले। वे इन वीरों के जीवन से प्रेरणा लें और उनमें देशभक्ति की भावना जागृत हो।
सैनिकों के अदम्य साहस और बलिदान की कहानी सुनाई
युवाओं को कारगिल विजय दिवस के महत्व से अवगत कराने के लिए छात्रों के बीच एक चित्रकला कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के छात्रों ने भाग लिया और चित्रों के माध्यम से देश के वीरों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त की। बच्चों द्वारा बनाई गई ये चित्रकलाएं, कारगिल विजय दिवस ज़ोन के साथ, अगले कुछ दिनों के लिए स्टेशन पर जनता के लिए निःशुल्क प्रदर्शित रहेंगी। इसके अलावा, इस आयोजन के दौरान, प्रसिद्ध लेखक ऋषि राज ने एक कथा सत्र में कारगिल युद्ध में सैनिकों के अदम्य साहस और बलिदान की कहानी सुनाई, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध और प्रेरित किया।
पाकिस्तानी घुसपैठियों के खिलाफ बहादुरी से संघर्ष किया
1999 में हुए कारगिल युद्ध में भारत की जीत के उपलक्ष्य में 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। ऑपरेशन विजय के नाम से प्रसिद्ध इस सैन्य अभियान के दौरान भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तान द्वारा जम्मू,कश्मीर और कारगिल में स्थित जिन रणनीतिक चौकियों पर घुसपैठ की गई थी, उनपर पुन: कब्ज़ा किया। मई से जुलाई 1999 तक चला यह संघर्ष भारत द्वारा टाइगर हिल सहित प्रमुख पर्वत चोटियों पर पुनः नियंत्रण के साथ समाप्त हुआ। 2025 इस ऐतिहासिक विजय का 26वां वर्ष होगा और यह हमारे उन भारतीय सैनिकों की बहादुरी और बलिदान का स्मरण कराता है जिन्होंने पाकिस्तानी घुसपैठियों के खिलाफ बहादुरी से संघर्ष किया।
कारगिल विजय दिवस जोन इसी दिशा में एक और सार्थक कदम
एनसीआरटीसी निरंतर प्रयास करता रहा है कि नमो भारत केवल यात्रा के माध्यम के बजाय एक जीवंत सामाजिक केंद्र में परिवर्तित कर दिया जाए, जिससे उनके जीवन के राष्ट्रीय, सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं को उनके दैनिक जीवन में शामिल किया जा सके। इसके लिए यह नमो भारत अनप्लग्ड: म्यूजिकल फ्राइडेज, कला प्रदर्शनी और इंटरैक्टिव पब्लिक जोन जैसी विभिन्न समुदाय-केंद्रित पहल करता रहा है। कारगिल विजय दिवस जोन इसी दिशा में एक और सार्थक कदम है। इस पहल का लक्ष्य है कि कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों के पराक्रम और बलिदान के प्रति जागरूकता पैदा कर, इसके प्रति सम्मान, राष्ट्रीय गौरव और सामूहिक स्मृति को बढ़ावा दिया जाए।