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रूस से तेल खरीद पर नहीं है कोई प्रतिबंध, हरदीप पुरी बोले– आपूर्ति रुकी तो दुनिया को भुगतने होंगे गंभीर परिणाम

DeskNoida
27 Sept 2025 1:00 AM IST
रूस से तेल खरीद पर नहीं है कोई प्रतिबंध, हरदीप पुरी बोले– आपूर्ति रुकी तो दुनिया को भुगतने होंगे गंभीर परिणाम
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पुरी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि रूस प्रतिदिन करीब 1 करोड़ बैरल कच्चा तेल उपलब्ध कराता है और यह विश्व स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है।

केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को साफ किया कि रूस से कच्चे तेल की खरीद पर कोई प्रतिबंध नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि रूस से तेल की आपूर्ति बाधित हुई तो दुनिया को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।

पुरी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि रूस प्रतिदिन करीब 1 करोड़ बैरल कच्चा तेल उपलब्ध कराता है और यह विश्व स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। उन्होंने कहा, “ऊर्जा ऐसी चीज है जिसके बिना आप रह नहीं सकते। अगर आप दूसरे सबसे बड़े उत्पादक को हटा देंगे तो खपत में कटौती करनी होगी और इसके नतीजे बेहद गंभीर होंगे।”

अमेरिका-भारत वार्ता के बीच बयान

पुरी का यह बयान अमेरिका और भारत के बीच जारी व्यापार वार्ता के दौरान आया। अमेरिका भारत से तेल और हथियारों की खरीद पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाने पर विचार कर रहा है। इस संदर्भ में पुरी ने कहा कि भारत हमेशा अंतरराष्ट्रीय समुदाय के जिम्मेदार सदस्य के रूप में पाबंदियों का पालन करता आया है। ईरान और वेनेजुएला के उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा वैश्विक नियमों का सम्मान किया है।

रूस से तेल खरीद और मूल्य सीमा

पुरी ने कहा कि रूस से तेल खरीद पर मूल्य सीमा तय की गई है और जब भी ऐसा होता है, भारतीय कंपनियां कम कीमतों पर खरीदारी करती हैं। उन्होंने बताया कि तुर्किये, जापान और यूरोपीय संघ समेत कई देश अभी भी रूस से तेल खरीद रहे हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस समय रूस की ओर से दी जाने वाली छूट बहुत अधिक नहीं है।

कीमतें और वैश्विक संतुलन

मंत्री ने कहा कि तेल की मांग और आपूर्ति के बीच व्यापक संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। उन्होंने अनुमान जताया कि आने वाले समय में कच्चे तेल की कीमत 65 से 68 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के बीच बनी रह सकती है।

पुरी ने कहा कि यह स्थिति अमेरिका के लिए भी लाभकारी है, क्योंकि अमेरिका शेल गैस पर जोर देता है और चाहता है कि जीवाश्म ईंधनों की कीमतों में भारी गिरावट न हो। उन्होंने कहा कि अस्थिर घरेलू राजनीतिक माहौल और मुद्रास्फीति को देखते हुए अमेरिका के लिए कीमतों को संतुलित रखना जरूरी हो गया है।

स्वतंत्र निर्णय लेने वाली कंपनियां

पुरी ने यह भी बताया कि भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां स्वतंत्र रूप से यह तय करती हैं कि उन्हें रिफाइनिंग के लिए किस स्रोत से तेल खरीदना है। इन कंपनियों के पास पेशेवर प्रबंधन और निदेशक मंडल मौजूद हैं, जो इन फैसलों पर कार्य करते हैं।

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