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बाएं हाथ से काम करने वाले हमेशा इंटेलिजेंट नहीं होते, यकीन नहीं होता तो ये पढ़ो

अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी और द चाइनीज यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग के शोधकर्ताओं ने एक व्यापक अध्ययन में पाया है कि बाएं हाथ के लोग दूसरों की तुलना में अधिक रचनात्मक नहीं होते। यह धारणा अब तक आम मानी जाती थी कि बाएं हाथ से काम करने वाले व्यक्ति, जिन्हें अक्सर "लेफ्टी" कहा जाता है, ज्यादा रचनात्मक होते हैं।
शोधकर्ताओं ने 1900 के दशक से प्रकाशित करीब 1,000 वैज्ञानिक अध्ययनों की समीक्षा की। इनमें से 17 अध्ययन मानक मानदंडों पर खरे उतरे और उनके आधार पर निष्कर्ष निकाला गया।
कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर डेनियल कासासांतो के अनुसार, बाएं हाथ के लोगों को लेकर यह धारणा संभवतः इसलिए बनी क्योंकि वे संगीतकारों और कलाकारों के बीच अधिक दिखाई देते हैं। वहीं, इनमें अवसाद और मानसिक रोगों के मामलों की दर भी अधिक पाई जाती है। इसी वजह से यह विचार फैल गया कि रचनात्मकता और मानसिक बीमारी का आपस में संबंध है।
कासासांतो ने कहा, “यह सोच कि बाएं हाथ से काम करने वाले लोग कला और मानसिक समस्याओं से जुड़े होते हैं, असल में तथाकथित 'पीड़ित कलाकार' की मिथक है। कुछ चुनिंदा और छोटे अध्ययनों पर ही भरोसा करके यह धारणा बनाई गई, जो सांख्यिकीय दृष्टि से सही नहीं है।”
शोधकर्ताओं ने बताया कि जब उन्होंने विभिन्न पेशों का निष्पक्ष सर्वेक्षण किया तो बाएं हाथ वालों की कथित रचनात्मकता कहीं नजर नहीं आई। इसके उलट, प्रयोगशाला में रचनात्मकता मापने वाले एक परीक्षण में दाएं हाथ वालों ने बेहतर प्रदर्शन किया।
दाएं हाथ वालों ने ‘डाइवर्जेंट थिंकिंग’ यानी समस्याओं के अनोखे हल खोजने की क्षमता में उच्च अंक हासिल किए। यह वह प्रक्रिया होती है जिसमें मस्तिष्क कई संभावित समाधान तेजी से सोचता है और आपस में असंबंधित विचारों को जोड़ता है।
कासासांतो ने कहा, “अगर आप पूरे शोध साहित्य को देखें तो यह दावा कहीं भी प्रमाणित नहीं होता कि बाएं हाथ वाले लोग ज्यादा रचनात्मक हैं।”