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कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी की योगी सरकार पर बरसे ओवैसी, कहा- 'वे दुकानदारों की पैंट उतरवा रहे हैं...'

Anjali Tyagi
3 July 2025 11:00 AM IST
कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी की योगी सरकार पर बरसे ओवैसी, कहा- वे दुकानदारों की पैंट उतरवा रहे हैं...
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क्या 10 साल पहले यहां कांवड़ यात्रा नहीं होती थी? कांवड़ यात्रा शांतिपूर्ण तरीके से शुरू होती थी।

लखनऊ। हर साल की तरह कांवड़ यात्रा के दौरान एक बार फिर उत्तर प्रदेश में उन दुकानों को बंद कराने की खबरें आ रही हैं। जिनके पास नाम और लाइसेंस नहीं हैं। ऐसे में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी की योगी सरकार पर जमकर बरस गए है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा मार्ग पर भोजनालय चलाने वाले दुकानदारों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि दुकानदारों से पैंट उतारने को कहा जा रहा है। साथ ही उन्होंने यूपी सरकार से सवाल पूछ लिया है।

ओवैसी ने किया सवाल

ओवैसी ने भड़कते हुए सरकार से सवाल किया कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल के अंतरिम आदेश का पालन क्यों नहीं कर रही है, जिसने कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानों के बाहर उनके नाम और नंबर डिस्प्ले करने के फैसले पर रोक लगा दी थी।

'वे दुकानदारों की पैंट उतरवा रहे हैं'

AIMIM सांसद ने योगी सरकार से सवाल पूछते हुए कहा, "मुजफ्फरनगर बाईपास के पास कई होटल हैं। ये होटल सालों से हैं। क्या 10 साल पहले यहां कांवड़ यात्रा नहीं होती थी? कांवड़ यात्रा शांतिपूर्ण तरीके से शुरू होती थी। वहां कोई अशांति नहीं थी। यह सब अब क्यों हो रहा है? अब वे होटल वालों से आधार कार्ड मांग रहे हैं। वे दुकानदारों की पैंट उतरवा रहे हैं।"

होटल में जाकर किसी का धर्म पूछना गलत है...

ओवैसी ने कहा, "पुलिस को अपना काम करना चाहिए और दुकानदारों को परेशान करने वालों को गिरफ्तार करना चाहिए। इन लोगों ने तमाशा खड़ा कर रखा है। वे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का भी पालन नहीं कर रहे हैं। वे किसी के होटल में कैसे घुस सकते हैं? होटल में जाकर किसी का धर्म पूछना गलत है। सरकार कुछ क्यों नहीं कर रही है?"

सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया था अंतरिम आदेश

बता दें कि पिछले साल 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश जारी किया था। जिसमें यूपी में कांवड़ यात्रा मार्गों पर दुकानदारों को अपना नाम डिस्प्ले करने के लिए कहने वाले दिशा-निर्देशों पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा कि होटल मालिक केवल अपने भोजनालयों में परोसे जाने वाले खाने के मेन्यू को ही डिस्प्ले करेंगे।

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