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पाकिस्तान फिर शर्मसार, राफेल गिराने के दावे की फ्रेंच नेवी ने खोली पोल; क्या कहा

पाकिस्तान को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है। इस बार फ्रांसीसी नौसेना ने पाकिस्तानी मीडिया के उन झूठे दावों को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय राफेल जेट्स को गिराने का दावा किया गया था। फ्रेंच नेवी ने रविवार को आधिकारिक बयान जारी करते हुए इसे "फेक न्यूज" और "व्यापक गलत सूचना" करार दिया। यह घटना न केवल पाकिस्तान की प्रोपोगैंडा मशीनरी की पोल खोलती है, बल्कि भारत की सैन्य क्षमताओं पर उसके निरंतर झूठे हमलों को भी उजागर करती है।
क्या है पूरा मामला?
अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए उस भयानक आतंकी हमले को याद कीजिए, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई। इस हमले का जवाब देते हुए भारत ने मई 2025 में "ऑपरेशन सिंदूर" शुरू किया। यह एक सटीक सैन्य अभियान था, जिसमें पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी ठिकानों पर हमले किए गए। पाकिस्तानी वायुसेना को भारी नुकसान हुआ, लेकिन इस्लामाबाद ने हार को छिपाने के लिए प्रोपोगैंडा का सहारा लिया। पाकिस्तान के प्रमुख चैनल जियो टीवी ने 21 नवंबर को एक आर्टिकल प्रकाशित किया, जिसमें दावा किया गया कि फ्रेंच कमांडर कैप्टन जैक्विस लॉने (सही नाम कैप्टन इवान लॉनेय) ने एक इंडो-पैसिफिक सम्मेलन में पाकिस्तान की हवाई श्रेष्ठता की पुष्टि की है। आर्टिकल में लिखा था कि पाकिस्तानी वायुसेना ने बेहतर तैयारी के साथ भारतीय राफेल फाइटर्स को मार गिराया, और यह नुकसान चीनी जे-10सी जेट्स की तकनीकी श्रेष्ठता के कारण हुआ। इसमें यह भी कहा गया कि राफेल का रडार फेलियर "ऑपरेशनल त्रुटि" था, न कि तकनीकी खराबी।
फ्रेंच नेवी ने इस दावे को पूरी तरह झूठा बताते हुए अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर बयान जारी किया। नेवी ने स्पष्ट किया कि कैप्टन लॉनेय, जो लैंडिविसियाउ नेवल एयर स्टेशन के कमांडर हैं और राफेल मरीन विमानों का संचालन देखते हैं, ने कभी भी ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की। "कैप्टन लॉनेय ने किसी भी प्रकाशन के लिए सहमति नहीं दी थी। आर्टिकल में व्यापक गलत सूचना और डिसइनफॉर्मेशन है," बयान में कहा गया। सम्मेलन में उनकी प्रस्तुति पूरी तरह तकनीकी थी, जिसमें राफेल के मिशनों, कैरियर स्ट्राइक ग्रुप कॉन्सेप्ट और हाई-इंटेंसिटी एयर कॉम्बैट की चुनौतियों पर चर्चा हुई। जब ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सवाल पूछे गए, तो उन्होंने न तो किसी भारतीय विमान के नुकसान की पुष्टि की और न ही इनकार किया। साथ ही, चीनी सिस्टम्स द्वारा राफेल पर जम्मिंग या जे-10सी का जिक्र भी नहीं किया। फ्रेंच नेवी ने नाम की गलती को भी सुधारते हुए कहा कि यह "इवान" है, न कि "जैक्विस"।
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने राफेल को निशाना बनाया है। भारत ने 2020 में फ्रांस से 36 राफेल जेट्स खरीदे थे, जो उसकी वायुसेना की रीढ़ बने हैं। ऑपरेशन सिंदूर में राफेल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन भारत ने स्वीकार किया कि एक राफेल का नुकसान हुआ था, जो तकनीकी खराबी से क्रैश हुआ, न कि दुश्मन की कार्रवाई से। दसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि कोई राफेल पाकिस्तानी ताकतों द्वारा नहीं गिराया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान का यह प्रोपोगैंडा चीनी हथियारों को बढ़ावा देने और भारत की सैन्य छवि खराब करने का प्रयास है। जियो टीवी के पत्रकार हामिद मीर पर विशेष आरोप लगे हैं, जिन्होंने पुराने झूठे दावों को दोहराया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने पोस्ट किया, "फ्रेंच नौसेना ने पाकिस्तान के जियो टीवी और उसके संवाददाता हामिद मीर को गलत जानकारी फैलाने का दोषी ठहराया है। उनकी रिपोर्ट में राफेल विमान और मई के संघर्ष पर पुराने-बनावटी दावे पेश किए गए। जब आधिकारिक संस्थान उनकी प्रचार सामग्री का खंडन करने लगते हैं, तो पाकिस्तान की गलत सूचना मशीनरी की व्यग्रता साफ झलकती है।" मालवीय ने भारतीय मीडिया में मीर के "मित्रों" पर भी तंज कसा। सोशल मीडिया पर यह मुद्दा वायरल हो गया है। यूजर्स ने #FakeNewsPakistan और #RafaleTruth जैसे हैशटैग ट्रेंड कराए, जहां पाकिस्तानी प्रोपोगैंडा की आलोचना हो रही है। फ्रेंच नेवी के बयान को रीट्वीट करते हुए हजारों भारतीय यूजर्स ने भारत की जीत का जश्न मनाया।
यह घटना भारत-पाकिस्तान संबंधों की जटिलता को दर्शाती है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद युद्धविराम तो हो गया, लेकिन पाकिस्तान की तरफ से झूठी खबरें थम नहीं रही हैं। रक्षा विश्लेषक कहते हैं कि ऐसी अफवाहें पाकिस्तान की आंतरिक असफलताओं को छिपाने का तरीका हैं। सिंदूर अभियान में पाकिस्तानी वायुसेना को 140 से अधिक फाइटर जेट्स में भारी क्षति हुई, और कई चीनी हथियार साबित हुए नाकाम। फ्रांस जैसे सहयोगी देश का खुला समर्थन भारत की सैन्य विश्वसनीयता को मजबूत करता है। दसॉल्ट ने भी राफेल की क्षमताओं की तारीफ की है, जो किसी भी परिस्थिति में जे-10सी जैसे विमानों को हरा सकता है।
अब सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान अपनी मीडिया को नियंत्रित करेगा? या फिर ऐसी शर्मिंदगियां जारी रहेंगी? अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति मजबूत हो रही है, जबकि पाकिस्तान की विश्वसनीयता घट रही है। यह घटना न केवल सैन्य, बल्कि सूचना युद्ध की भी मिसाल है, जहां सत्य अंततः जीतता है। फिलहाल, फ्रेंच नेवी का बयान पाकिस्तान के लिए एक कड़ा संदेश है: झूठ की उम्र छोटी होती है।




