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कनाडा में हड़कंप: फंड नहीं मिला तो 30 व्हेल्स को मार देंगे, मरीनलैंड की धमकी से मचा बवाल

कनाडा के नियाग्रा फॉल्स स्थित प्रसिद्ध मनोरंजन पार्क मरीनलैंड (Marineland) ने एक चौंकाने वाली धमकी देकर पूरे देश को हिला दिया है। पार्क प्रबंधन ने कहा है कि यदि सरकार ने तत्काल आर्थिक सहायता (फंड) नहीं दी, तो वे अपनी 30 बेलुगा व्हेल्स (Beluga Whales) को इच्छामृत्यु (Euthanize) दे देंगे।
यह विवाद उस समय गहराया जब कनाडा की मत्स्य पालन मंत्री जोआन थॉम्पसन (Joanne Thompson) ने मरीनलैंड के उस अनुरोध को खारिज कर दिया, जिसमें इन व्हेल्स को चीन के चिमेलोंग ओशन किंगडम थीम पार्क भेजने की अनुमति मांगी गई थी।
आर्थिक संकट में फंसा मरीनलैंड
लगभग 1,000 एकड़ में फैला मरीनलैंड कभी पर्यटकों और परिवारों से गुलजार रहता था, लेकिन अब यह गहरे आर्थिक संकट में फंस चुका है। पिछले साल से पार्क जनता के लिए बंद है और अब अपनी संपत्तियों को बेचने की कोशिश कर रहा है।
मरीनलैंड प्रबंधन का कहना है कि उनके पास व्हेल्स की उचित देखभाल के लिए अब पर्याप्त संसाधन नहीं बचे हैं। यह कनाडा का अंतिम ऐसा संस्थान है जहां बंदी व्हेल्स मौजूद हैं।
पशु क्रूरता के आरोप और मौतों की जांच
मरीनलैंड लंबे समय से जानवरों के साथ क्रूरता और लापरवाही के आरोपों से घिरा हुआ है। 2019 से अब तक यहां 20 व्हेल्स की मौत हो चुकी है, जिनमें एक किलर व्हेल और 19 बेलुगा व्हेल्स शामिल हैं।
2019 में कनाडा में एक कानून पारित हुआ था, जिसके तहत व्हेल, डॉल्फिन या पोर्पॉइज को बंदी बनाना या प्रदर्शन के लिए रखना अवैध घोषित किया गया। इस कानून के उल्लंघन पर 1,50,000 डॉलर तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
निरीक्षकों ने पहले ही चेतावनी दी थी कि मरीनलैंड की पानी की गुणवत्ता बेहद खराब है, जिससे वहां के जानवरों का जीवन खतरे में है।
सरकार से ‘कैश बेलआउट’ की मांग
न्यूयॉर्क टाइम्स और सीबीसी न्यूज की रिपोर्ट्स के अनुसार, मरीनलैंड प्रबंधन ने पिछले सप्ताह संघीय सरकार को एक पत्र भेजा था। उसमें कहा गया कि यदि 7 अक्टूबर तक फंडिंग नहीं मिली, तो वे इसे “अनुरोध अस्वीकृत” मानेंगे और “इच्छामृत्यु का विनाशकारी निर्णय” लेने को मजबूर होंगे।
मंत्री जोआन थॉम्पसन ने इस मांग को ठुकराते हुए कहा कि मरीनलैंड ने वर्षों तक इन व्हेल्स को कैद में रखा लेकिन कभी उनके भविष्य के लिए वैकल्पिक योजना नहीं बनाई। इसलिए अब इन खर्चों की जिम्मेदारी सरकार की नहीं हो सकती।
उन्होंने कहा कि “व्हेल्स का प्राकृतिक घर महासागर है, न कि कृत्रिम टैंक।”
विशेषज्ञों ने दी चेतावनी
हालांकि कुछ समुद्री जीव विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि कैद में पाली गई व्हेल्स को सीधे महासागर में छोड़ना जोखिम भरा हो सकता है। इन जानवरों में शिकार करने की प्रवृत्ति और सामाजिक व्यवहार की कमी होती है, जिससे वे प्राकृतिक वातावरण में जीवित नहीं रह पाते।
अब सरकार, पर्यावरण संगठन और पशु अधिकार समूह इस पूरे मामले पर करीबी नजर रखे हुए हैं। इस बीच, कनाडा में यह बहस छिड़ गई है कि क्या आर्थिक कठिनाइयों का समाधान निर्दोष जीवों की हत्या हो सकता है?