Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य समाचार

बिहार में सियासी हलचल तेज, तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश पर किया वार, जानें पत्र का जवाब नहीं मिलने पर क्या कहा

Shilpi Narayan
9 Jun 2025 12:20 PM IST
बिहार में सियासी हलचल तेज, तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश पर किया वार, जानें पत्र का जवाब नहीं मिलने पर क्या कहा
x
तेजस्वी ने पांच जून को सीएम नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने वंचित वर्गों के लिए आरक्षण सीमा को बढ़ाकार 85 प्रतिशत करने की मांग की थी।

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सभी पार्टी एक दूसरे पर जमकर कटाक्ष कर रहे हैं। वहीं विपक्ष भी सरकार को घेरने का एक भी मौका नहीं छोड़ रहा है। इस बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आरक्षण के मुद्दे पर नीतीश सरकार को पर वार करने में लगे हैं। तेजस्वी ने पांच जून को सीएम नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने वंचित वर्गों के लिए आरक्षण सीमा को बढ़ाकार 85 प्रतिशत करने की मांग की थी।

सीएम नीतीश पर करारा हमला किया

हालांकि इस पत्र का सीएम नीतीश की ओर से जवाब नहीं मिला। वहीं पत्र का जवाब नहीं मिलने पर तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखा और अपने पत्र का जवाब नहीं मिलने का कारण बताते हुए सीएम नीतीश पर करारा हमला किया है। तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर आरोप लगाया कि सामाजिक न्याय का ढोल पीटने वाले ऐसे दल जिनके बलबूते मोदी सरकार चल रही है।

राजनीति एवं ऐसे गठबंधन में रहना धिक्कार

बता दें कि इसको लेकर तेजस्वी ने लिखा कि वो हमारी सरकार द्वारा बढ़ाई गयी 65% आरक्षण सीमा को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल कराने में असफल क्यों है? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, जीतनराम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा को दलित,आदिवासी, पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्गों की इस हकमारी के खिलाफ आरक्षण पर मुंह खोलना चाहिए। सिर्फ कुर्सी से चिपके रहने के लिए राजनीति नहीं होती है। अगर प्रधानमंत्री से यह सब लोग इस छोटी सी मांग को भी पूरा नहीं करा सकते हैं तो इनका अपनी राजनीति एवं ऐसे गठबंधन में रहना धिक्कार है। अगर नीतीश जी, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के सामने इस विषय पर कुछ बोलने में असमर्थ हैं तो उन्हें विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाना चाहिए फिर देखिए कैसे हम इसे लागू कराते हैं।

विभिन्न माध्यमों से पुनः रद्द कराने का मौका न मिल सके

वहीं तेजस्वी यादव ने आगे लिखा कि सर्वदलीय समिति द्वारा किए गए अध्ययन के आलोक में बिहार विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाकर एक नया आरक्षण विधेयक पारित करा कुल 85 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान कर इसे 9वीं अनुसूची में डालने की अनुशंसा केन्द्र सरकार से की जाए ताकि आरक्षण विरोधी तत्वों एवं भाजपाई सरकार को इसे भी विभिन्न माध्यमों से पुनः रद्द कराने का मौका न मिल सके।

सरकारी नौकरियों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिल सके

नेता प्रतिपक्ष ने पूछा कि क्या भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस की नीतियों पर चल रही यह एनडीए सरकार नहीं चाहती कि वंचित वर्गों के आरक्षण की वर्तमान सीमा को बढ़ाकर 85 प्रतिशत किया जाए जिससे कि राज्य के दलित-आदिवासी, पिछड़ा अति पिछड़ा एवं अन्य दबे-कुचले लोगों को बढ़े हुए आरक्षण का यथाशीघ्र लाभ मिले तथा उन्हें शिक्षण संस्थानों में नामांकन के साथ-साथ सरकारी नौकरियों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिल सके।

Next Story