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मौलाना अरशद मदनी के बयान पर सियासत गर्म! कांग्रेस और भाजपा आमने सामने, जानें किसने क्या कहा

Aryan
23 Nov 2025 3:00 PM IST
मौलाना अरशद मदनी के बयान पर सियासत गर्म! कांग्रेस और भाजपा आमने सामने, जानें किसने क्या कहा
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मौलाना मदनी ने कहा कि केंद्र सरकार सबका साथ सबका विकास का केवल दावा करती है

नई दिल्ली। जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के बयान के बाद से सियासी राजनीति गरम हो गई है। कई राजनीतिक पार्टियां भी इस बयानबाजी का हिस्सा बनते नजर आए। जहां कांग्रेस ने मौलाना अरशद मदनी के बयान का समर्थन किया, वहीं भाजपा ने मौलाना मदनी के बयान की घोर निंदा की है। दरअसल मौलाना अरशद मदनी ने दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में देश के मौजूदा सामाजिक और राजनीतिक हालातों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि लंदन और न्यूयॉर्क में मुसलमान मेयर बन सकते हैं, लेकिन भारत में वह इंसान किसी विश्वविद्यालय का कुलपति नहीं बन सकता।

कांग्रेस- केंद्र सरकार की 48 यूनिवर्सिटी में से किसी में भी मुस्लिम या दलित वाइस-चांसलर नहीं

जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस नेता उदित राज ने मौलाना मदनी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि सिर्फ मुस्लिम ही नहीं बल्कि दलितों और ओबीसी को भी कभी नियुक्त नहीं किया गया है। मौलाना मदनी ने कहा कि केंद्र सरकार सबका साथ सबका विकास का केवल दावा करती है, लेकिन खास को बढ़ावा दिया जा रहा है। कांग्रेस ने कहा कि केंद्र सरकार की 48 यूनिवर्सिटी में से किसी में भी मुस्लिम, दलित या ओबीसी वाइस-चांसलर नहीं हैं। संघ और भाजपा की विचारधारा के मुताबिक ही लोगों को संस्थानों में नियुक्त किया जा रहा है। अल फलाह यूनिवर्सिटी में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए, लेकिन पूरी यूनिवर्सिटी को ही क्यों टारगेट किया जा रहा है? हाल ही में, लैटरल एंट्री आईएएस रिक्रूटमेंट में कोई भी अधिकारी दलित, आदिवासी या पिछड़े वर्ग से नहीं था। मोदी सरकार मुस्लिम, दलित और पिछड़े वर्गों को बाहर रखती है।

भाजपा ने किया पलटवार- आतंक समर्थकों और हमदर्दों की यह जमात फिर से आ रही आगे

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि यह बहुत बुरी बात है कि वोट बैंक की राजनीति के नाम पर तुष्टिकरण के भजन गाए जा रहे हैं। तुष्टिकरण की राजनीति के नाम पर आतंकवाद को कवर फायर देने में यकीन रखने वाले एक्टिव हो गए हैं। आतंक समर्थकों और हमदर्दों की यह जमात फिर से आगे आ रही है। भारत में तो एपीजे अब्दुल कलाम जैसे राष्ट्रपति भी मुस्लिम कम्युनिटी से थे। क्या अरशद मदनी यह भूल गए हैं? लेकिन जब से दिल्ली धमाके में आतंकवादी पकड़े गए हैं, जो लोग कहते हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, वे आतंकवादियों को कवर फायर देने के लिए धर्म को ही एकमात्र बहाना बना रहे हैं।

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