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Pollution NCR: 1 जनवरी से इन शहरों में पेट्रोल और डीजल वाले वाहनों के उपयोग पर लगेगी रोक,आदेश जारी...

Aryan
23 Nov 2025 5:49 PM IST
Pollution NCR: 1 जनवरी से इन शहरों में पेट्रोल और डीजल वाले वाहनों के उपयोग पर लगेगी रोक,आदेश जारी...
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कमर्शियल वाहन को ‘क्लीन फ्यूल’ पर चलाने के बाद ही सड़कों पर उतरने की अनुमति दी जाएगी।

नोएडाउत्तर प्रदेश सरकार ने NCR में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने और वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। इस कड़ी में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने आदेश जारी करते हुए कहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में ई-कॉमर्स व ऑनलाइन डिलीवरी सेवाओं में पेट्रोल और डीजल वाहनों के उपयोग नहीं किया जाएगा। बता दें कि यह आदेश 1 जनवरी 2026 से लागू होगा। इसके बाद किसी भी डिलीवरी कंपनी को पेट्रोल-डीजल वाली बाइक, स्कूटर, ऑटो या छोटे चारपहिया वाहन को इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होगी।

इन वाहनों पर पड़ेगा प्रभाव

बता दें कि CAQM के इस निर्देश का प्रभाव सीधे तौर पर स्विगी, जोमैटो, ब्लिंकिट, अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसी प्रमुख कंपनियों और हजारों डिलीवरी पार्टनर्स पर पड़ने वाला है। इनको अगले डेढ़ साल के भीतर अपनी पूरी डिलीवरी फ्लीट को CNG या EV में बदलना होगा। आदेश के अनुसार, डिलीवरी सेवाओं में शामिल हर दोपहिया, तिपहिया और छोटे कमर्शियल वाहन को ‘क्लीन फ्यूल’ पर चलाने के बाद ही सड़कों पर उतरने की अनुमति दी जाएगी।

ARTO कार्यालय में हुई बैठक आयोजित

गौरतलब है कि इसी आदेश को प्रभावी रूप से लागू करने को लेकर नोएडा ARTO कार्यालय सेक्टर-32 में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता ARTO नंद कुमार ने की, वहीं ARTO विनय कुमार सिंह सहित ऑनलाइन डिलीवरी सेवाओं से जुड़े विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

बता दें कि अधिकारियों ने कहा कि 2026 की समयसीमा को किसी भी स्थिति में आगे नहीं बढ़ाया जाएगा, इसलिए कंपनियों को अभी से ही अपनी योजना शुरू कर लेनी चाहिए, जिससे बाद में किसी प्रकार की परेशानी ना हो।

वायु की गुणवत्ता सुधारने के दिशा में पहल

जानकारी के अनुसार ARTO (प्रशासन) नंद कुमार ने बताया कि यह कदम केवल परिवहन व्यवस्था बदलने के लिए नहीं, बल्कि शहर की बिगड़ती वायु गुणवत्ता को सुधारने की दिशा में आवश्यक और ठोस पहल की जा रही है। पेट्रोल-डीजल वाहनों से होने वाला धुआं प्रदूषण का प्रमुख कारण है और डिलीवरी वाहनों की संख्या अधिक होने के कारण यह प्रदूषण बढ़ता है। ऐसे में 2026 से सिर्फ CNG और इलेक्ट्रिक डिलीवरी वाहनों को ही अनुमति मिलने से शहर की हवा को राहत मिल सकती है।

गौरतलब है कई इस फैसले के लागू होने के बाद नोएडा-ग्रेटर नोएडा के डिलीवरी सिस्टम की तस्वीर पूरी तरह से बदल जाएगी। आने वाले समय में सड़कों पर सिर्फ साइलेंट, ग्रीन और पर्यावरण-अनुकूल डिलीवरी वाहन ही सामान पहुंचाते दिखाई देंगे।

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