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संविधान दिवस पर संसद में आज खास कार्यक्रम, राष्ट्रपति मुर्मू ने नौ भाषाओं में संविधान का अनुवादित संस्करण किया जारी

नई दिल्ली। आज संविधान दिवस है, जिसे हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है। आज ही के दिन 1949 में भारत ने अपने संविधान को अंगीकार किया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस विशेष समारोह का नेतृत्व कर रही हैं। यह कार्यक्रम पुराने संसद भवन के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में आयोजित किया जा रहा है। वहीं राष्ट्रपति ने संविधान को 9 भाषाओं में लोकार्पण किया है। उन्होंने अपने संबोधन में पीएम मोदी, राहुल गांधी समेत सभी माननीय नेताओं का स्वागत किया। वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस दौरान कहा कि 25करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए। लोकतंत्र दुनिया के लिए मिशाल है।
दरअसल, संसद भवन में नौ भाषाओं में संविधान का अनुवादित संस्करण जारी किया गया। इनमें मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओड़िया और असमिया भाषाएं शामिल हैं।
भारत की अंतरिम संसद के तौर पर भी काम किया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कहा कि संविधान दिवस के ऐतिहासिक मौके पर आप सभी के बीच आकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। आज ही के दिन, 26 नवंबर, 1949 को, संविधान भवन के इसी सेंट्रल हॉल में, संविधान सभा के सदस्यों ने भारत के संविधान का ड्राफ्ट बनाने का काम पूरा किया था। उसी साल इसी दिन, हम भारत के लोगों ने अपना संविधान अपनाया था। आजादी के बाद, संविधान सभा ने भारत की अंतरिम संसद के तौर पर भी काम किया। ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन, बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर हमारे संविधान के मुख्य बनाने वालों में से एक थे।
भारतीय लोकतंत्र और संविधान का विवरण स्वर्ण अक्षरों में किया जाएगा
मुर्मू ने कहा कि आने वाले कालखंड में जो विभिन्न संविधानों और लोकतंत्रों का तुलनात्मक अध्य्यन किया जाएगा तो भारतीय लोकतंत्र और संविधान का विवरण स्वर्ण अक्षरों में किया जाएगा। आप सभी सदस्यगण हमारे संविधान और लोकतंत्र की गौरवशाली परंपरा के संभाग भी हैं, निर्माता भी हैं और साक्षी भी हैं।




