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मनोरंजन के नाम पर यौन उत्पीड़न को बढ़ावा ... अश्लील कंटेंट विवाद में उल्लू एप का एक्शन, एजाज खान का शो 'हाउस अरेस्ट' हटाया

Aryan
2 May 2025 5:33 PM IST
मनोरंजन के नाम पर यौन उत्पीड़न को बढ़ावा ... अश्लील कंटेंट विवाद में उल्लू एप का एक्शन, एजाज खान का शो हाउस अरेस्ट हटाया
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अपने विवादित रियलिटी शो हाउस अरेस्ट को उसके अश्लील कंटेंट और सीन्स पर बढ़ते विरोध के बाद हटा लिया है।

मुंबई। पिछले कुछ दिनों से एजाज खान के शो 'हाउस अरेस्ट' के अश्लील कंटेंट पर बवाल मचा हुआ है। ऐसे में उल्लू एप ने अपने विवादित रियलिटी शो हाउस अरेस्ट को उसके अश्लील कंटेंट और सीन्स पर बढ़ते विरोध के बाद हटा लिया है। अभिनेता एजाज खान द्वारा होस्ट किया गया यह शो सोशल मीडिया पर भारी आलोचना का शिकार हुआ था। शो के एक वायरल वीडियो में महिलाओं को जबरदस्ती अश्लील हरकतें करने के लिए उकसाते हुए दिखाया गया है, जिसने इस विवाद को और भड़का दिया। जिसके बाद से ही इस शो को बैन करने की मांग उठने लगी थी।

पूरा विवाद क्या है?

दरअसल बिग बॉस फेम एजाज खान 'हाउस अरेस्ट' नाम का एक शो चलाते है। यह शो ULLU ऐप पर देखा सकता था। इन दिनों रियलिटी शो के कुछ वीडियो क्लिप्स सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। वायरल फुटेज में देखा जा सकता है कि एक टास्क या चैलेंज के दौरान महिला कंटेस्टेंट्स को अनुचित रूप से अपने अंडरगारमेंट्स हटाने के लिए कहा जा रहा है। इसके अलावा, शो के होस्ट एजाज खान भी इंटीमेसी से जुड़े पोज देने के निर्देश देते नजर आते हैं। इस तरह की कंट्रोवर्सियल क्लिप्स देखकर लोग सोशल मीडिया पर नाराजगी जता रहे हैं और शो को तुरंत बंद करने की मांग करने लगे।

राजनीतिक खेमे में भी नाराजगी

शो के खिलाफ नाराजगी केवल सोशल मीडिया तक सीमित नहीं है, बल्कि शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने संसदीय समिति में इस मुद्दे को उठाया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर सख्त नियम लागू करने की मांग की। बीजेपी के कई नेताओं ने भी शो को नैतिकता के खिलाफ बताते हुए इसकी निंदा की।

क्या बोला आयोग

आयोग का कहना है कि इस प्रकार का कंटेंट न केवल महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाता है, बल्कि मनोरंजन के नाम पर यौन उत्पीड़न को बढ़ावा देता है। ऐसे दृश्य महिलाओं के शोषण को सामान्य और स्वीकार्य बनाने का खतरनाक प्रयास हैं। आयोग ने चेतावनी दी है कि यदि सामने आए आरोप सही पाए जाते हैं, तो यह मामला भारतीय न्याय संहिता, 2023 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आएगा। आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि किसी भी ऐसे मीडिया कंटेंट को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो महिलाओं की असहमति की अवहेलना करता हो या अश्लीलता फैलाने का माध्यम बने।

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