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भगोड़े ललित मोदी और विजय माल्या के वीडियो पर भड़का लोगों का गुस्सा, सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोलिंग

भारत में आर्थिक अपराधों के मामलों में भगोड़े घोषित किए जा चुके कारोबारी ललित मोदी और विजय माल्या एक बार फिर चर्चा के केंद्र में आ गए हैं। इस बार वजह बना है दोनों का एक वीडियो, जिसने सोशल मीडिया पर जबरदस्त नाराजगी और बहस को जन्म दे दिया है। वीडियो सामने आते ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और दोनों को जमकर ट्रोल किया जाने लगा।
यह वीडियो कथित तौर पर पिछले सप्ताह लंदन में आयोजित विजय माल्या की जन्मदिन पार्टी के दौरान रिकॉर्ड किया गया था। वीडियो में ललित मोदी और विजय माल्या साथ खड़े नजर आते हैं। खास बात यह है कि इस वीडियो को खुद ललित मोदी ने सोशल मीडिया पर साझा किया। वीडियो में ललित मोदी खुद को और विजय माल्या को “भारत के दो सबसे बड़े भगोड़े” बताते हुए हंसते हुए नजर आते हैं। इस बयान को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
वीडियो के साथ ललित मोदी ने एक ऐसा कैप्शन भी लिखा, जिसे लोगों ने भड़काऊ और उकसाने वाला बताया। उन्होंने लिखा, “इंटरनेट पर तहलका मचाने दो। आप लोगों के लिए कुछ। अपना दिल जलाओ।” इस कैप्शन के बाद लोगों का गुस्सा और बढ़ गया। कई यूजर्स ने कमेंट सेक्शन में दोनों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे भारत की कानून व्यवस्था और जनता का मजाक उड़ा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। एक यूजर ने लिखा, “ये लोग खुलेआम भारत सरकार और कानून का मजाक बना रहे हैं।” वहीं दूसरे यूजर ने तंज कसते हुए कहा, “चोर-चोर मौसेरे भाई।” कुछ लोगों ने दोनों को बेशर्म करार दिया और सवाल उठाया कि इतने गंभीर आरोपों के बावजूद वे इस तरह सार्वजनिक मंच पर मजाक कैसे कर सकते हैं।
गौरतलब है कि विजय माल्या को जनवरी 2019 में एक विशेष अदालत ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत डिफॉल्टर घोषित किया था। उन पर बैंकों का हजारों करोड़ रुपये का कर्ज न चुकाने और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप हैं। वहीं, इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी पर भी विदेशी मुद्रा नियमों के उल्लंघन और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप हैं। वे मार्च 2016 में भारत छोड़कर विदेश चले गए थे और तब से भारत वापस नहीं लौटे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के वीडियो और बयानों से न केवल जनता की भावनाएं आहत होती हैं, बल्कि यह भारत की न्यायिक प्रक्रिया और प्रवर्तन एजेंसियों के प्रयासों पर भी सवाल खड़े करते हैं। सोशल मीडिया पर यह मांग भी उठने लगी है कि सरकार और संबंधित एजेंसियां ऐसे मामलों में सख्त रुख अपनाएं।
कुल मिलाकर, ललित मोदी और विजय माल्या का यह वीडियो एक बार फिर यह याद दिलाता है कि आर्थिक अपराधों के आरोपी भगोड़े किस तरह सार्वजनिक मंचों पर खुद को बेपरवाह दिखा रहे हैं, जबकि भारत में लोग अब भी न्याय और जवाबदेही की उम्मीद लगाए बैठे हैं।




