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Radhe-Radhe: प्रिंसिपल ने किया छोटी बच्ची के साथ अमानवीय व्यवहार... राधे-राधे बोलने पर बच्ची को मारा और मुंह पर टेप चिपका दिया !

रायपुर। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के बागडूमर गांव में स्थित मदर टेरेसा प्ले स्कूल में नर्सरी की एक बच्ची ने राधे-राधे बोला तो, इस बात पर स्कूल की प्राचार्या इला ईवन कोलविन ने उसकी पिटाई कर दी एवं उसके मुंह पर टेप चिपका दिया।
पीड़ित परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई
बच्ची ने जब घर जाकर अपने माता- पिता को इस बारे में बताया तो, उन्होंने स्कूल पहुंचकर काफी हंगामा मचाया। परिजनों ने हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं को भी सूचना दी।
दुर्ग के एक प्ले स्कूल में छोटी बच्ची को दी गई सजा
दुर्ग के एक प्ले स्कूल में छोटी बच्ची को इसलिए सजा दी गई, क्योंकि उसने राधे-राधे बोल दिया। इस अमानवीय कृत्य से स्कूल प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं।
शिक्षा का मंदिर अब बना हिंसा का केंद्र
शिक्षा का मंदिर कहा जाने वाला हिंसा का केंद्र बनते जा रहा है। बच्चों को शिक्षित करने की जगह हिंसा और भेदभाव करना क्यों सिखाया जा रहा है। साढ़े तीन साल की बच्ची से प्रिंसिपल का इस कदर क्रूरता दिखाना लोगों को अंदर से हिलाकर रख दिया है। इस मामले को लेकर हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन किया।
बच्ची की मां ने कहा
बच्ची की मां ने कहा, जब वह अपनी बच्ची को स्कूल से लेने गई, तो बच्ची बहुत डरी हुई थी। ये घटना दुर्ग के पद्मनाभपुर क्षेत्र मदर टेरेसा इंग्लिश मीडियम स्कूल बगडूमर का है। बच्ची के राधे-राधे बोलने पर प्रिंसिपल ने उसे कई थप्पड़ मारे और उसके मुंह पर टेप चिपका दिया। बच्ची के गाल पर चोट के निशान भी थे।
पुलिस प्रिंसिपल से पूछताछ कर रही है
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। शिकायत के बाद दुर्ग पुलिस ने प्रिंसिपल के खिलाफ बीएनएस की धारा 75 व 82 (जेजे एक्ट) साथ ही 323, 504 और 506 लगाया है। इसके साथ धारा 295A (धार्मिक भावनाओं को आहत करना) और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस अब प्रिंसिपल से पूछताछ कर रही है।
बच्चों की सुरक्षा पर सवाल
बच्चों के साथ इस तरह का व्यवहार करना उनकी शारीरिक और मानसिक सेहत पर भी गहरा असर डालता है। मासूम बच्ची के साथ हुई इस क्रूर घटना से पता चलता है कि प्रिंसिपल ने अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल किया है। राधे-राधे जैसे साधारण शब्द पर इस तरह का हिंसक व्यवहार धार्मिक असहिष्णुता को दिखाता है। ऐसी घटनाओं से बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा होता है।