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राकेश टिकैत ने पहलगाम हमले को अपने अंदाज में छेड़ा! कहा- जिस चोर ने यह कृत्य किया, वह पाकिस्तान में नहीं, बल्कि यहीं है

नई दिल्ली (राशी सिंह)। किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर विवादास्पद बयान देकर एक नई बहस को जन्म दे दिया है। अपने बयान में उन्होंने यह भी संकेत दिया कि असली अपराधी वे हो सकते हैं जो इस हिंसा से अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो रहे हैं।
करनाल में एक सभा को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा, "इस घटना से किसे फायदा हो रहा है? हिंदू-मुस्लिम कार्ड कौन खेल रहा है? इसका जवाब उनके अंदर ही है।" उन्होंने आगे कहा, "जिस चोर ने यह कृत्य किया, वह पाकिस्तान में नहीं, बल्कि यहीं है।"
गांव के अपराधों से की तुलना
अपने वक्तव्य को स्पष्ट करते हुए टिकैत ने गांव में होने वाले अपराधों का उदाहरण दिया, "जब गांव में कोई हत्या होती है, तो पुलिस सबसे पहले उस व्यक्ति को देखती है जिसे फायदा हुआ हो, जैसे जमीन या संपत्ति वाला। हम इन आतंकी हमलों को लेकर ऐसा विश्लेषण क्यों नहीं करते?" उन्होंने यह भी जोड़ा, "चोर आपके बीच में है, पाकिस्तान में नहीं।"
कश्मीरियों की पीड़ा और अर्थव्यवस्था पर चोट
टिकैत ने कश्मीर की अर्थव्यवस्था और पर्यटन पर हुए असर को स्वीकार करते हुए कहा कि इन हमलों से सबसे ज्यादा नुकसान कश्मीरी जनता को ही होता है। उन्होंने पूछा, "क्या कश्मीरी अपने दरवाजे पर हिंसा लाकर समृद्ध हो सकते हैं?" उन्होंने इस धारणा को भी नकारा कि पाकिस्तान समर्थित समूह इस तबाही से लाभ उठाते हैं। बिना किसी का नाम लिए टिकैत ने मीडिया के एक वर्ग पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, "हर कोई जानता है कि किसे फायदा हो रहा है, लेकिन कोई उनका नाम लेने की हिम्मत नहीं करता।" उन्होंने संकेत दिया कि असली अपराधी सिस्टम के भीतर ही छिपे हुए हो सकते हैं।
भड़का विवाद और दी सफाई
इन टिप्पणियों ने पूरे देश में आक्रोश की लहर पैदा कर दी। कई लोगों ने उन पर पीड़ितों की स्मृति का अपमान करने का आरोप लगाया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए टिकैत ने सफाई दी, "हमारी निष्ठा राष्ट्र और सरकार के साथ है। सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। आंतरिक मुद्दों को राष्ट्रीय सुरक्षा से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।" उन्होंने पाकिस्तान से आयातित नमक और मसालों पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए कहा, "दुबई के रास्ते आने वाले पाकिस्तानी सामान को रोका जाना चाहिए। सरकार को सतर्क रहना चाहिए और देश उसके साथ है।"
नरेश टिकैत की असहमति और सिंधु जल संधि विवाद
इस बीच, उनके भाई और किसान नेता नरेश टिकैत ने एक भिन्न दृष्टिकोण रखते हुए सिंधु जल संधि को लेकर भारत सरकार के फैसले का विरोध किया। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान का पानी रोकना गलत है। किसान चाहे भारत का हो या पाकिस्तान का, पानी की जरूरत दोनों को है। हम इस फैसले के खिलाफ हैं।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि कुछ चरमपंथियों की हरकतों के लिए पूरे देश को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है, "संधि जारी रहनी चाहिए थी"।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और विभाजित राय
नरेश टिकैत की टिप्पणी पर भाजपा नेताओं ने तीखी आलोचना की और उन्हें असंवेदनशील बताया, खासकर उस समय जब पहलगाम हमले में एक नेपाली नागरिक समेत 28 लोगों की जान गई थी। राष्ट्रीय सुरक्षा और सिंधु जल संधि पर टिकैत बंधुओं के बयानों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।




