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गुरुजनों का सम्मान ही हमें दिलाता है वैश्विक मान: आलोक पांडेय

प्रतापगढ़। गुरुजनों के प्रति हृदय तल की गहराइयों से प्रस्तुत किए गए सम्मान की भावना हमें भविष्य में वैश्विक मान प्रदान करती है। केवल चरण स्पर्श और प्रणाम करना नहीं बल्कि मन में श्रद्धाभाव रखते हुए गुरुजनों द्वारा प्रदान की गई। शिक्षा का समाज और देश के विकास में इस्तेमाल कर उच्चतम ऊचाइयों को प्राप्त करना ही वास्तविक रूप में गुरुजनों को सम्मानित करना है।
शिक्षक दिवस पर हम गुरुजनों को आदर प्रदान करते हैं। इसके साथ ही यदि हम गुरुजन के सिखाए हुए रास्तों पर चलकर एक अच्छे नागरिक बनते हैं तो शिक्षकों को उनकी मेहनत का सही फल प्राप्त होता है और वह आत्मीय रूप से प्रसन्न होते हैं। यही गुरुजनों का वास्तविक सम्मान होता है। उक्त विचार भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय मंत्री एवं सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता आलोक पांडेय ने रानीगंज स्थित स्वामी करपात्री इंटर कालेज में आयोजित सम्मान समारोह को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इसके पूर्व दीप प्रज्जवलन एवं मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। प्रो. विजय कुमार मिश्र ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।
300 से अधिक शिक्षकों को सम्मानित किया गया
इसके पश्चात स्कूली छात्राओं ने स्वागत गीत के माध्यम से अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वामी करपात्री राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. विजय कुमार मिश्र ने की। बतौर मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता आलोक पांडेय, अति विशिष्ट अतिथि आलोक कुमार शुक्ला जिलाध्यक्ष माशिसं, रमा शंकर शुक्ल जिलाध्यक्ष प्राशिसं, शैलेंद्र प्रताप सिंह जिला मंत्री माशिसं, विनय कुमार सिंह जिला मंत्री प्राशिसं, सत्य प्रकाश पांडेय अध्यक्ष प्राशिसं शिवगढ़, सुरेश कुमार त्रिपाठी पूर्व अध्यक्ष माशिसं एवं डा. रामकुमार पांडेय पूर्व प्रधानाचार्य मौजूद रहे।
सम्मान समारोह में पूर्व शिक्षकों सहित प्राथमिक स्कूलों के, माध्यमिक स्कूलों, इंटरमीडिएट कालेजों और डिग्री कालेजों के 300 से अधिक शिक्षकों को सम्मानित किया गया। मुख्य वक्ता आलोक पांडेय ने कहा कि मेरे शरीर का प्रत्येक कण एवं जीवन का प्रत्येक क्षण गुरुजनों के आशीर्वाद से अभिसिंचित है। इसी कृपा प्रसाद से जीवन में अभीष्ट लक्ष्य प्राप्त होता है।
शिक्षक समाज का पथ प्रदर्शक होता है
प्रो. विजय कुमार मिश्रा ने कहा कि शिक्षक समाज का पथ प्रदर्शक होता है। शिक्षा हमें श्रेष्ठ नागरिक बनने का मार्ग प्रशस्त करती है। शिक्षक दिवस हम सबके लिए भारतीय परंपरा को गतिमान बनाए रखने के लिए संकल्प का अवसर प्रदान करती है। आयोजक प्रदीप सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान पंकज त्रिपाठी, नवीन प्रताप सिंह, बृजेश कुमार यादव, विजय कुमार मिश्र, कमलेश कुमार गौतम, रामचंद्र पांडेय, सरयू प्रसाद मिश्र, रामदेव पांडेय, सिद्धि नारायण दूबे, सुरेश चंद्र दूबे, सुरेश कुमार त्रिपाठी, वंशीलाल, राजनाथ तिवारी, पवन कुमार श्रीवास्तव, माता प्रसाद , श्रीश चंद्र पांडेय, आबाद अली, दिवाकर पांडेय, हरिशंकर पांडेय, विजय कुमार त्रिपाठी, इंदू शुक्ला, सुनील कुमार उपाध्याय, राकेश कुमार मिश्रा, प्रेमचंद्र तिवारी, देवी प्रसाद शर्मा, दुर्गा प्रसाद पांडेय, मानसिंह यादव, रमानाथ पांडेय, केशव प्रसाद मिश्रा, प्रदीप कुमार यादव, अनुराग दूबे, पवन कुमार मिश्र, अनिल कुमार तिवारी समेत तमाम शिक्षक गण मौजूद रहे।