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एच-1बी वीजा और टैरिफ विवाद के बीच रुबियो-जयशंकर की अहम बैठक

DeskNoida
23 Sept 2025 3:00 AM IST
एच-1बी वीजा और टैरिफ विवाद के बीच रुबियो-जयशंकर की अहम बैठक
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यह बैठक संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की 80वीं उच्च स्तरीय बैठक से इतर आयोजित की गई थी।

भारत और अमेरिका के बीच हाल के दिनों में बढ़े तनाव के बीच सोमवार रात (भारतीय समयानुसार) न्यूयॉर्क के लोटे न्यूयॉर्क पैलेस होटल में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बीच मुलाकात हुई। यह बैठक संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की 80वीं उच्च स्तरीय बैठक से इतर आयोजित की गई थी।

दोनों देशों के बीच रिश्तों में हाल ही में आई तल्खी की वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियां और एच-1बी वीजा शुल्क में अप्रत्याशित बढ़ोतरी रही हैं। ऐसे में यह मुलाकात भारत-अमेरिका संबंधों में विश्वास बहाली और व्यापारिक तनाव कम करने की दिशा में बेहद अहम मानी जा रही है।

जुलाई के बाद पहली मुलाकात

जयशंकर और रुबियो की पिछली मुलाकात जुलाई में वाशिंगटन डीसी में हुई थी, जब क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों ने एक साथ बैठक की थी। उस दौरान भी दोनों पक्षों ने आपसी सहयोग मजबूत करने का संकल्प दोहराया था।

जयशंकर रविवार को न्यूयॉर्क पहुंचे हैं और यहां वे कई द्विपक्षीय व बहुपक्षीय बैठकों में हिस्सा लेंगे। 27 सितंबर को वे संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए भाषण देंगे।

टैरिफ और वीजा विवाद मुख्य मुद्दा

राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में भारत द्वारा रूस से तेल आयात करने को लेकर 28 अगस्त से अतिरिक्त 25% टैरिफ लगा दिया था। इसके बाद भारत पर कुल शुल्क 50% तक पहुंच गया। यह कदम भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों में तनाव की एक बड़ी वजह बना।

साथ ही, एच-1बी वीजा शुल्क में अप्रत्याशित वृद्धि ने भारतीय पेशेवरों पर सीधा असर डाला है। यह मुद्दा भी भारतीय आईटी और टेक इंडस्ट्री के लिए चिंता का कारण बना हुआ है।

माना जा रहा है कि जयशंकर और रुबियो की बैठक में इन दोनों विषयों पर खुलकर चर्चा हुई होगी। हालांकि, अभी तक दोनों पक्षों की ओर से इस वार्ता को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर भी चर्चा संभव

विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुलाकात केवल व्यापार और वीजा विवाद तक सीमित नहीं रहेगी। बल्कि, इसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग, वैश्विक सुरक्षा, ऊर्जा साझेदारी और बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग जैसे मुद्दों पर भी बातचीत हुई होगी।

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