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भागो भालू... उत्तराखंड में दर्जनों पशुओं को मार चुका भालू खुले में घूम रहा, जान बचाने को लोग कर रहे हैं यह उपाय

चमोली। उत्तराखंड के चमोली जिले में इस समय भालू की दहशत फैली हुई है। हर दिन भालू जगह-जगह दिख रहे हैं। जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल जाने वाले बच्चों कई किमी पैदल चलकर स्कूल पहुंचना पड़ता है। ऐसे में वह रास्ते में सीटियां बजाते और शोर मचाकर स्कूल पहुंचते हैं। गांव में भालू 50 से अधिक मवेशियों को मार चुका है। लोगों ने प्रशासन से विशेष व्यवस्था करने की मांग की है।
एक साथ झुंड में चल रहे लोग
जानकारी के मुताबिक भालू और जंगली जानवर से बचने के लिए बच्चे स्कूल जाते और आते समय एक साथ झुंड में चल रहे हैं और सीटी बजाते व शोर करते हुए जा रहे हैं। बच्चों के घर पहुंचने तक अभिभावकों की चिंता बनी रहती है। जबकि कई जगहों पर अभिभावक बच्चों को समूह बनाकर स्कूल छोड़ने के लिए पहुंचते हैं। लोगों ने प्रशासन से विशेष व्यवस्था करने की मांग की है।
भालू 50 से अधिक मवेशियों को मार चुका
बता दें कि चमोली जिले में हर क्षेत्र में कई भालू सक्रिय हैं। गोपेश्वर से लेकर ज्योतिर्मठ, पोखरी विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में भालू आए दिन नजर आ रहे हैं। वहीं ज्योतिर्मठ ब्लॉक के थैंग गांव में भालू 50 से अधिक मवेशियों को मार चुका है। यहां हाईस्कूल है जिसमें धीवाणी, कांडखोला और ग्वाड़ के 20 से 25 छात्र-छात्राएं पढ़ने आते हैं जिन्हें दो किमी जंगली रास्ता तय करना पड़ता है।
रात में पहरा दे रही वन प्रभाग की टीमें
बता दें कि कई गांवों में केदारनाथ वन्य जीव और अलकनंदा भूमि संरक्षण वन प्रभाग की संयुक्त टीमें पहरा दे रही हैं। केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के वन क्षेत्राधिकारी नवल किशोर ने बताया कि लोगों से सावधानी बरतने की अपील की जा रही है। साथ ही बताया कि भालू संभावित इलाकों में झाड़ी काटने और मिर्च व मार्टिन जलाएं, धुएं से भालू दूर भाग जाते हैं।




