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साहिबजादे भारत के अदम्य साहस और वीरता का प्रतीक... वीर बाल दिवस पर बोले पीएम मोदी

नई दिल्ली। आज पूरा देश गुरु गोविंद जी के साहिबजादों की शहादत को याद कर रहा है। ऐसे में पीएम मोदी ने इस अवसर पर सभी को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि साहिबजादों का बलिदान केवल इतिहास की एक घटना नहीं है, बल्कि यह अन्याय और अत्याचार के खिलाफ अटूट साहस का प्रतीक है।
क्या बोले पीएम मोदी
पीएम ने कहा कि कि साहिबजादे भारत के अदम्य साहस और वीरता का प्रतीक हैं। उन बहादुर साहिबजादों ने क्रूर मुगल साम्राज्य के विरुद्ध चट्टान की तरह खड़े होकर धार्मिक कट्टरता और आतंक की नींव हिला दी। जब भी 26 दिसंबर का यह दिन आता है, मुझे इस बात का संतोष होता है कि हमारी सरकार ने साहिबजादों की वीरता से प्रेरित होकर वीर बल दिवस मनाना शुरू कर दिया है। वीर बल दिवस का यह दिन भावनाओं और श्रद्धा से भरा है। उस युद्ध के एक तरफ दसवें गुरु, श्री गुरु गोविंद सिंह जी थे और दूसरी तरफ औरंगजेब का क्रूर शासन था। उस समय हमारे साहिबजादे बहुत कम उम्र के थे, लेकिन इससे औरंगजेब की क्रूरता पर कोई फर्क नहीं पड़ा। लेकिन औरंगजेब और उसके सैन्य कमांडर यह भूल गए थे कि हमारे गुरु कोई साधारण व्यक्ति नहीं थे। वे तपस्या और त्याग की साक्षात मूर्ति थे। वीर साहिबजादों को उनसे यह विरासत मिली थी, इसलिए भले ही पूरा मुगल साम्राज्य उनके खिलाफ खड़ा था, वे उन चार साहिबजादों में से एक को भी नहीं हिला सके।
चार साहिबजादों को कोई नहीं हिला सका- पीएम
वीर बल दिवस का यह दिन भावों और श्रद्धा से भरा है। उस युद्ध के एक तरफ दसवें गुरु, श्री गुरु गोविंद सिंह जी थे और दूसरी तरफ औरंगजेब का क्रूर शासन था। उस समय हमारे साहिबजादे बहुत छोटे थे, लेकिन औरंगजेब की क्रूरता पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। लेकिन औरंगजेब और उसके सैन्य कमांडर यह भूल गए थे कि हमारे गुरु कोई साधारण व्यक्ति नहीं थे। वे तपस्या और त्याग की साक्षात मूर्ति थे। वीर साहिबजादों को उनसे यह विरासत मिली थी, इसलिए भले ही पूरा मुगल साम्राज्य उनके खिलाफ खड़ा था, वे उन चार साहिबजादों में से एक को भी नहीं हिला सके।




