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SBI Q4 Results: एसबीआई का मुनाफा घटा, लोन ग्रोथ पर पड़ेगा टैरिफ का असर

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने जनवरी से मार्च तिमाही में अपने मुनाफे में गिरावट दर्ज की है। इस तिमाही में बैंक का एकीकृत शुद्ध लाभ 8.34 फीसदी घटकर 19,600 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल इसी अवधि में 21,384 करोड़ रुपये था। इसका कारण ब्याज मार्जिन में गिरावट बताया गया है।
स्टैंडअलोन आधार पर बैंक का मुनाफा घटकर 18,642 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल यह 20,698 करोड़ रुपये था। इस दौरान बैंक की शुद्ध ब्याज आय मामूली 2.69 फीसदी बढ़ी और 42,775 करोड़ रुपये रही। हालांकि लोन ग्रोथ 12 फीसदी से अधिक रही, लेकिन नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) कम होकर 3.15 फीसदी पर आ गया, जो साल-दर-साल आधार पर 32 बेसिस पॉइंट की गिरावट है।
हालांकि, कुल आय 1,64,914 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,79,562 करोड़ रुपये हो गई। बैंक के चेयरमैन सी एस सेटी ने बताया कि अगले वित्त वर्ष में भी NIM पर दबाव बना रहेगा क्योंकि रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती का असर धीरे-धीरे जमा दरों पर पड़ेगा।
सेटी ने कहा कि पिछले साल एक विशेष आय का फायदा मिला था, जिससे इस बार मुनाफा कम दिख रहा है। बैंक ने 2025-26 के लिए 12-13 फीसदी लोन ग्रोथ का लक्ष्य रखा है, लेकिन उन्होंने यह भी माना कि वैश्विक स्तर पर टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितताएं निवेश योजनाओं को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे लोन ग्रोथ पर असर पड़ेगा।
बैंक के पास इस समय 3.4 लाख करोड़ रुपये की कॉर्पोरेट लोन पाइपलाइन है। बैंक के प्रबंध निदेशक अश्विनी कुमार तिवारी ने बताया कि इंफ्रास्ट्रक्चर, रिन्यूएबल एनर्जी, डेटा सेंटर और कमर्शियल रियल एस्टेट सेक्टर से लोन की मांग आ रही है।
मार्च तिमाही में बैंक की अन्य आय बढ़कर 24,210 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले साल 17,369 करोड़ रुपये थी। इस दौरान कॉर्पोरेट लोन ग्रोथ घटकर 9 फीसदी रह गई, जबकि पर्सनल लोन में 11 फीसदी और होम लोन में 14 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
बैंक ने बिना सिक्योरिटी वाले पर्सनल लोन में सिर्फ 0.49 फीसदी की बढ़ोतरी की है, लेकिन सेटी ने कहा कि बैंक इस क्षेत्र में और विस्तार करेगा क्योंकि इसमें कोई खास जोखिम नहीं दिख रहा है।
एनपीए के मोर्चे पर बैंक की स्थिति बेहतर हुई है। सकल एनपीए अनुपात घटकर 1.82 फीसदी हो गया है, और यह लगातार पांचवां साल है जब इसमें सुधार आया है। सेटी ने कहा कि बड़े कॉर्पोरेट लोन में कोई तनाव नहीं है और एनपीए अनुपात 2 फीसदी से नीचे बना रहेगा।
इस तिमाही में 4,222 करोड़ रुपये के नए एनपीए दर्ज किए गए, जिनमें ज्यादातर SME, कृषि और पर्सनल लोन से जुड़े हैं। हालांकि, अप्रैल में 572 करोड़ रुपये के लोन फिर से नियमित हुए हैं।
बैंक ने मार्च तिमाही में 6,441 करोड़ रुपये का प्रावधान किया, जो पिछले साल 1,610 करोड़ रुपये था। इसमें अधिकांश रकम पुराने एडवांस के लिए रखी गई है।
बोर्ड ने 25,000 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी जुटाने की मंजूरी दी है, जिससे बैंक 8 लाख करोड़ रुपये तक के लोन का विस्तार कर सकता है।
मार्च 2025 तक बैंक की पूंजी पर्याप्तता 14.25 फीसदी रही, जबकि कोर कैपिटल 10.81 फीसदी रहा। सेटी ने बताया कि भूषण पावर मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश मिल गया है और ऋणदाताओं की समिति इसे देख रही है।
पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में बैंक का शुद्ध लाभ 16 फीसदी बढ़कर 70,901 करोड़ रुपये हो गया है, जो पिछले साल 61,077 करोड़ रुपये था। बैंक ने इस वर्ष के लिए प्रति शेयर 15.90 रुपये का डिविडेंड घोषित किया है।
बैंक वित्त वर्ष 2025-26 में 18,000 नए कर्मचारियों की भर्ती करेगा, जिनमें 13,400 क्लर्क, 3,000 प्रोबेशनरी ऑफिसर और 1,600 स्पेशलिस्ट अफसर शामिल होंगे।