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SC ने कहा - बिहार में जारी SIR में बड़े पैमाने पर नाम काटे गए तो, हम हस्तक्षेप करेंगे..., अगली सुनवाई 12 और 13 अगस्त को

Aryan
29 July 2025 1:48 PM IST
SC ने कहा - बिहार में जारी SIR में बड़े पैमाने पर नाम काटे गए तो, हम हस्तक्षेप करेंगे..., अगली सुनवाई 12 और 13 अगस्त को
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याचिकाकर्ताओं को 8 अगस्त तक अपनी लिखित दलीलें पेश करने को कहा है

पटना। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बिहार में चुनाव आयोग की विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर विचार करने के लिए समय सीमा तय की। इस मुद्दे पर 12 और 13 अगस्त को सुनवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा है कि हम इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं और जरूरत पड़ने पर हस्तक्षेप भी करेंगे।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और जॉयमाल्य बागची की पीठ ने कहा

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और जॉयमाल्य बागची की पीठ ने चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं को 8 अगस्त तक अपनी लिखित दलीलें पेश करने को कहा है।

वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने लगाया आरोप

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश कपिल सिब्बल और प्रशांत भूषण ने फिर से आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आयोग की ओर से 1 अगस्त को प्रकाशित होने वाली ड्रॉफ्ट लिस्ट में कुछ लोगों को बाहर रखा जा रहा है, इस वजह से लोगों का अहम मतदान का अधिकार खो जाएगा।

चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था

पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और उसे कानून का पालन करना चाहिए। अगर इसमें किसी तरह की लापरवाही हुई है, तो याचिकाकर्ता इसे अदालत के संज्ञान में ला सकते हैं। अदालत आयोग के काम में हस्तक्षेप कर सकती है।

पीठ ने सिब्बल और भूषण को 15 लोगों के नाम सामने लाने को कहा

पीठ ने सिब्बल और भूषण से कहा कि आप ऐसे 15 लोगों के नाम सामने लाएं जिनके बारे में आयोग का दावा है कि वे मृत हैं लेकिन वे जीवित हैं, हम इस मामले पर विचार करते हुए निपटारा करेंगे।

आधार और वोटर आई कार्ड को मान्यता दी जाए

पीठ के द्वारा लिखित सबमिशन दाखिल करने के लिए याचिकाकर्ता पक्ष और चुनाव आयोग पक्ष की ओर से नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कल आधार और मतदाता पहचान पत्र की असली होने की धारणा को लेकर का था, बिहार में वोटर लिस्ट के ड्रॉफ्ट को पब्लिश किए जाने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और कहा कि वह चुनाव आयोग द्वारा वोटर लिस्ट के एसआईआर के खिलाफ दायर याचिकाओं पर हमेशा के लिए फैसला सुनाएगी। पीठ ने कहा कि राशन कार्ड जाली बन सकता है,लेकिन आधार और मतदाता पहचान पत्र का अपना वजूद है। आयोग इन दस्तावेजों को स्वीकार करना जारी रखें।


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