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सेबी ने गौतम अडानी और उनकी कंपनियों को हिन्डेनबर्ग आरोपों से दी क्लीन चिट

DeskNoida
18 Sept 2025 10:06 PM IST
सेबी ने गौतम अडानी और उनकी कंपनियों को हिन्डेनबर्ग आरोपों से दी क्लीन चिट
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गुरुवार को सेबी ने दो अलग-अलग विस्तृत आदेश जारी कर कहा कि अंदरूनी कारोबार (insider trading), बाजार में हेरफेर (market manipulation) और सार्वजनिक हिस्सेदारी (public shareholding) नियमों के उल्लंघन के आरोपों की गहन जांच के बाद कोई ठोस सबूत नहीं मिले।

भारतीय पूंजी बाजार नियामक सेबी (Securities and Exchange Board of India) ने उद्योगपति गौतम अडानी और अडानी समूह को अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिन्डेनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए शेयर बाजार हेरफेर और नियम उल्लंघन के आरोपों से क्लीन चिट दे दी है।

गुरुवार को सेबी ने दो अलग-अलग विस्तृत आदेश जारी कर कहा कि अंदरूनी कारोबार (insider trading), बाजार में हेरफेर (market manipulation) और सार्वजनिक हिस्सेदारी (public shareholding) नियमों के उल्लंघन के आरोपों की गहन जांच के बाद कोई ठोस सबूत नहीं मिले।

हिन्डेनबर्ग ने जनवरी 2023 में अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि Adicorp Enterprises Pvt Ltd, Milestone Tradelinks Pvt Ltd और Rehvar Infrastructure Pvt Ltd को अडानी समूह ने फंड घुमाने और अपनी सूचीबद्ध कंपनियों को मजबूत करने के लिए इस्तेमाल किया। हालांकि, सेबी की जांच में पाया गया कि ये सौदे "संबद्ध पक्ष" (related party) की परिभाषा में नहीं आते और इनमें किसी भी तरह का प्रकटीकरण उल्लंघन (disclosure violation) नहीं हुआ।

सेबी बोर्ड सदस्य कमलेश सी. वर्ष्नेय ने आदेश में स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की भारी मात्रा में प्रतिभूतियों की खरीद-फरोख्त (substantial acquisition of securities) या नियंत्रण के उल्लंघन का मामला सामने नहीं आया, जो निवेशकों को गुमराह कर सके।

इस जांच के नतीजे में सेबी ने कहा कि अडानी समूह की कंपनियों या उनके अधिकारियों पर किसी भी प्रकार की जवाबदेही तय करने या दंडात्मक कार्रवाई करने का कोई आधार नहीं है।

यह क्लीन चिट ऐसे समय आई है जब हिन्डेनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह के शेयरों में जबरदस्त गिरावट आई थी और समूह का बाजार मूल्य एक समय 150 अरब डॉलर से ज्यादा घट गया था। हालांकि, बाद में अडानी समूह ने ज्यादातर नुकसान की भरपाई कर ली थी।

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेषज्ञ पैनल ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि आरोपों के समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं है।

अडानी समूह ने हिन्डेनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों का बार-बार खंडन किया है और अब सेबी की इस क्लीन चिट के बाद समूह को बड़ी राहत मिली है।

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