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संविधान संशोधन 130: मनीष सिसोदिया ने कहा सीबीआई का दुरुपयोग हुआ है, यही हाल इस विधेयक का ना हो जाए...

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने लोकसभा में तीन बिल पेश किए हैं। जिसमें से एक संविधान संशोधन का विधेयक भी शामिल किया गया है। इसके तहत गंभीर आपराधिक आरोपों में 30 दिनों से अधिक हिरासत में रहने वाले प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों एवं मंत्रियों को पद से हटाया जा सकता है। इसे लेकर आप नेता एवं पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रतिक्रिया दी है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने दी प्रतिक्रिया
इस विधेयक को लेकर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, केंद्र सरकार संविधान में एक संशोधन ला रही है उसके अनुसार अगर किसी राज्य या केंद्र सरकार का कोई भी मंत्री, मुख्यमंत्री अथवा प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ़्तार होता है, तो उसे 30 दिन के भीतर इस्तीफा दे देना होगा, वरना उसे हटा दिया जाएगा। यह अच्छी पहल है, लेकिन इसकी अधिक संभावना है कि जिस तरह ईडी एवं सीबीआई का दुरुपयोग हुआ है, उसी तरह इस विधेयक का भी दुरुपयोग किया जाएगा।
आगे मनीष सिसोदिया ने कहा कि भ्रष्ट नेताओं को हटाए जाने का डर हमेशा होना चाहिए। आम आदमी पार्टी एक ईमानदार लोगों की पार्टी है, इसलिए ऐसे नियमों को हमेशा अच्छा ही मानेगी। हालांकि, इस नियम से सत्तारूढ़ दल को बहुत शक्ति मिल रही है। किसी भी नियम को लागू करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि अगर 30 दिन बाद भी मंत्री दोषी नहीं पाया जाता है, तो इसका मतलब है कि उसके ख़िलाफ झूठे आरोप लगाए गए थे। इसलिए झूठा आरोप लगाने वाले को भी जेल होनी चाहिए।
संविधान संशोधन 130 में क्या खास
बता दें कि इस विधेयक के मुताबिक, किसी मंत्री को पद पर रहते हुए लगातार 30 दिनों की अवधि के दरमयान लागू कानून के तहत कोई ऐसा अपराध करने के आरोप में अगर गिरफ्तार किया जाता है, तो 5 साल या उससे अधिक अवधि के कारावास के दंड का प्रावधान है। ऐसे में उसे हिरासत में लिए जाने के बाद, इकतीसवें दिन तक प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा उसके पद से हटा दिया जाएगा। इसके साथ ही हिरासत के बाद इकतीसवें दिन तक अपना इस्तीफा नहीं देता है, तो वह आने वाले दिन से प्रधानमंत्री या मंत्री नहीं रहेगा।