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बर्फानी धाम, मेंहदीपुर बालाजी में सात दिवसीय भागवत महापुराण कथा आरंभ, देश-विदेश से बड़ी संख्या में आए श्रद्धालु

Shilpi Narayan
26 July 2025 3:59 PM IST
बर्फानी धाम, मेंहदीपुर बालाजी में सात दिवसीय भागवत महापुराण कथा आरंभ, देश-विदेश से बड़ी संख्या में आए श्रद्धालु
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विख्यात परम संत बर्फानी दादाजी की मेंहदीपुर बालाजी स्थित बर्फानी धाम आश्रम में समाधि है। बर्फानी दादाजी के दुनिया भर में लाखों शिष्य हैं, जो इस आश्रम में लगातार आते रहते हैं।

मेंहदीपुर बालाजी। राजस्थान के मेंहदीपुर बालाजी स्थित प्रसिद्ध बर्फानी धाम में सात दिवसीय भागवत महापुराण कथा प्रारम्भ हुई। व्यास गद्दी पर इंदौर के पंडित विरेन्द्र व्यास और मूलपाठ इंदौर के ही पंडित राकेश शर्मा कर रहे हैं।


सबसे पहले निकाली गई कलश यात्रा

गौरतलब है कि विख्यात परम संत बर्फानी दादाजी की मेंहदीपुर बालाजी स्थित बर्फानी धाम आश्रम में समाधि है। बर्फानी दादाजी के दुनिया भर में लाखों शिष्य हैं, जो इस आश्रम में लगातार आते रहते हैं। श्रवण मास में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी आश्रम में भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है।सबसे पहले कलश यात्रा निकाली गई, यात्रा में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं और पुरुष शामिल थे। यात्रा में भगवान लक्ष्मीनारायण की जय हो जय, भोलेनाथ की जय और बर्फानी दादाजी महाराज की जय के जयकारे लग रहे थे।

भागवत कथा के प्रथम दिन

कथा प्रारम्भ करते हुए पंडित वीरेंद्र व्यास ने कथा का महत्व समझाते हुए बताया कि इस कलयुग में संतों की संगति और भगवत नाम जाप ही केवल मुक्ति का रास्ता है। बिना सत्संग के मनुष्य ऐसे हैं, जैसे बिना प्राण शरीर। भागवत की उत्पत्ति एवं महत्व को बताते हुए कहते हैं कि महर्षि वेदव्यास ने वेद, उपनिषद, महाभारत आदि ग्रंथों की रचना की, परंतु उन्हें शांति नहीं मिली। तब नारद मुनि ने उन्हें "श्रीमद्भागवत" की रचना करने का सुझाव दिया, जो केवल भगवान की भक्ति पर आधारित है। भागवत महात्म्य एक ऐसा ग्रंथ है जो पापों का नाश करता है, भक्ति, ज्ञान और वैराग्य प्रदान करता है।

कथा को सिर्फ कान से नहीं, हृदय से सुननी चाहिए

शुकदेव जी राजा परीक्षित को कथा सुनाते हैं। राजा परीक्षित को शाप मिला था कि वे 7 दिन में मृत्यु को प्राप्त होंगे। उन्होंने राज्य त्याग दिया और गंगा तट पर जाकर समाधिस्थ हो गए। वहीं शुकदेव जी प्रकट हुए और उन्होंने उन्हें 7 दिन तक श्रीमद्भागवत की कथा सुनाई। पंडित वीरेंद्र व्यास श्रवण का महत्व बताते हुए कहते हैं कि भागवत कथा का श्रवण करने से पाप नष्ट होते हैं और ये अमृत के समान हैं। कथा को सिर्फ कान से नहीं, हृदय से सुननी चाहिए। कथा का श्रवण जीवन को मोक्ष की ओर ले जाता है।

ये प्रमुख लोग रहे मौजूद

कथा में प्रमुख लोगों में अमित दुबे, कमलेश वशिष्ठ, गुंजन शर्मा, सौरभ कुमार, मीरा दुबे, संजीव कुमार, सुनील व्यास, सीमा कौशिक, दिव्या दुबे, रमेश मीणा, पन्नालाल, राजेश गुर्जर, कल्पना शर्मा, रुचि, शुभी, सचिन, सार्थक, सूचि, अनिल, दिलीप शर्मा आदि मौजूद रहे।

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