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SIR: SC ने सुने BLO की आत्महत्या से जुड़े सभी मामले, दिया राज्यों को यह निर्देश...

Aryan
4 Dec 2025 2:29 PM IST
SIR: SC ने सुने BLO की आत्महत्या से जुड़े सभी मामले, दिया राज्यों को यह निर्देश...
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मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अदालत सर्दियों की छुट्टियों से पहले SIR मामलों की सुनवाई पूरी करना चाहती है, इसलिए इस मामले पर आज दोपहर 3 बजे तक ही सुनवाई की जाएगी।

नई दिल्ली। SIR प्रक्रिया के दौरान BLOs की कथित मौतों और उन पर बढ़ते कार्य का बोझ को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अदालत सर्दियों की छुट्टियों से पहले SIR मामलों की सुनवाई पूरी करना चाहती है, इसलिए इस मामले पर आज दोपहर 3 बजे तक ही सुनवाई की जाएगी। इसके मद्देनजर दूसरे मामलों को स्थगित कर दिया गया।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा

दरअसल CJI ने साफ कहा कि बिहार का मामला पूरे होने के बाद ही तमिलनाडु और फिर पश्चिम बंगाल के मामलों की बारी आएगी। यह पूरा बैच SIR की संवैधानिक वैधता से जुड़ा 10 फॉर्म भी बोझ हैं?' वहीं, BLO पर काम के दबाव को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए।

ECI ने दिया जवाब

ECI ने कहा कि आज की व्यवस्था में प्रत्येक बूथ पर अधिकतम 1200 वोटर हैं और BLO को 30 दिन में 1200 फॉर्म लेने पड़ रहे हैं। इसलिए यह अतिरिक्त बोझ नहीं है। वहीं, फिर इस पर CJI ने सवाल किया, क्या 10 फॉर्म रोज भरना भी एक बोझ है?

सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने किया विरोध

सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने इसका विरोध करते हुए कहा कि वास्तविकता में BLO को 40 फॉर्म प्रतिदिन भरने पड़ रहे हैं। इसके लिए उन्हें कई इलाकों में बहुमंजिला इमारतों में जाकर जानकारी जुटानी पड़ती है, जो कि मेहनत वाला काम है। इस पर ECI के वकील ने तर्क देते हुए कहा कि 70 की उम्र में भी वो सीढ़ियां चढ़ सकते हैं। आप इसे 'राजनीति दलील' बनाकर पेश कर रहे हैं।

कोर्ट ने सुने BLO की आत्महत्या की वजह

जानकारी के अनसार, तमिलनाडु की राजनीतिक पार्टी की याचिका में दावा है कि SIR के दौरान 35-40 BLO की मौतें हुई और कई को सेक्शन 32 के नोटिस दिए गए हैं कि लक्ष्य पूरा न करने पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि अलग-अलग राज्यों में अनाथ बच्चे और शोकग्रस्त परिवार हैं। BLOs पर केस दर्ज करने की धमकी दी जा रही है। ये लोग शिक्षक और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं। ऐसा व्यवहार इनके साथ क्यों हो रहा है। उन्होंने SC को बताया कि यूपी में ही 50 FIR दर्ज हो चुकी हैं और कई जगह BLOs को 24-48 घंटे की डेडलाइन में काम खत्म करने नोटिस भेजे जा रहे हैं।

BLO को अपनी शादी के लिए छुट्टी तक नहीं दी गई

याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि कई BLO सुबह स्कूल में पढ़ाने के बाद रात 3 बजे तक दस्तावेज अपलोड कर रहे हैं, वो भी कमजोर नेटवर्क जोन में। एक मामला यह भी सामने आया कि एक BLO को अपनी शादी के लिए छुट्टी तक नहीं दी गई और उसने आत्महत्या कर ली।

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