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फिलीस्तीन मुद्दे पर सोनिया गांधी ने मोदी सरकार को घेरा! कहा-चुप्पी मानवता का परित्याग, पीएम और नेतान्याहू को लेकर यह कहा...

Aryan
25 Sept 2025 11:30 AM IST
फिलीस्तीन मुद्दे पर सोनिया गांधी ने मोदी सरकार को घेरा! कहा-चुप्पी मानवता का परित्याग, पीएम और नेतान्याहू को लेकर यह कहा...
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सोनिया गांधी ने कहा कि अल्जीरियाई स्वतंत्रता संग्राम के वक्त भारत एक स्वतंत्र अल्जीरिया के लिए सबसे मजबूत आवाजों में से एक था

नई दिल्ली। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने गुरुवार को फिलीस्तीन के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा। सोनिया ने मोदी सरकार के रुख की आलोचना करते हुए कहा कि अब भारत को नेतृत्व का परिचय देना चाहिए। उन्होंने पीएम मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस मुद्दे पर सरकार की प्रतिक्रिया और गहरी चुप्पी मानवता एवं नैतिकता दोनों के त्याग का परिचय दे रही है।

इजराइल-फिलीस्तीन मुद्दे पर तीसरी बार लिखा लेख

जानकारी के मुताबिक, सोनिया गांधी ने अपने लेख के जरिए कहा कि सरकार के कदम मुख्य रूप से भारत के संवैधानिक मूल्यों या उसके सामरिक हितों के बजाय इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत मित्रता से प्रेरित प्रतीत होते हैं। लेकिन व्यक्तिगत कूटनीति की यह शैली कभी भी स्वीकार्य नहीं हो सकती है। यह भारतीय विदेश नीति का मार्गदर्शक नहीं हो सकता। दुनिया के अन्य हिस्सों में खासकर अमेरिका में ऐसा करने के प्रयास हाल के महीनों में सबसे दुखद रहा है। बता दें कि सोनिया गांधी ने इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष पर पिछले कुछ महीनों में तीसरी बार लेख लिखा है, जिनमें उन्होंने हर बार इस मुद्दे पर मोदी सरकार के रुख की कड़ी निंदा की है।

फिलीस्तीनी राष्ट्र को मान्यता की बात याद दिलाई

सोनिया गांधी ने लेख में आगे कहा कि फ्रांस, फिलीस्तीनी राष्ट्र को मान्यता देने में ब्रिटेन, कनाडा, पुर्तगाल और ऑस्ट्रेलिया के साथ शामिल हो गया है। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से 150 से अधिक देशों ने अब ऐसा कर दिया है। कांग्रेस की शीर्ष नेता ने इस बात पर जोर दिया कि भारत इस मामले में हमेशा अग्रणी रहा है। जिसने फिलीस्तीन मुक्ति संगठन को सालों के समर्थन के बाद 18 नवंबर, 1988 को औपचारिक रूप से फिलीस्तीनी राष्ट्र को मान्यता दी थी।

कई मुद्दों पर भारत के रुख की चर्चा की

उन्होंने आगे उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे भारत ने आजादी से पहले ही दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद का मुद्दा उठाया था। अल्जीरियाई स्वतंत्रता संग्राम के वक्त भारत एक स्वतंत्र अल्जीरिया के लिए सबसे मजबूत आवाजों में से एक था। उन्होंने बताया कि 1971 में भारत ने तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में नरसंहार को रोकने के लिए दृढ़ता से हस्तक्षेप किया, जिससे आधुनिक बांग्लादेश का जन्म हुआ।


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