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कर्नाटक में सीएम बदलाव की अटकलें तेज़: दिल्ली पहुंचे शिवकुमार के करीबी विधायक

कर्नाटक की राजनीति में एक बार फिर हलचल बढ़ गई है। मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों के बीच डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार के करीबियों का अचानक दिल्ली पहुंचना सियासी सरगर्मी को और तेज कर रहा है। गुरुवार को शिवकुमार के करीबी एक मंत्री और कई विधायक दिल्ली पहुंचे, जिसके बाद "नवंबर क्रांति" की चर्चा दोबारा गर्म हो गई है। हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इन अटकलों को कई बार खारिज कर चुके हैं।
सिद्धारमैया ने बतौर मुख्यमंत्री ढाई साल पूरे कर लिए हैं और इसी समय के बाद कई विधायकों का दिल्ली पहुंचना राजनीतिक संकेतों को और मजबूत करता है। यह भी याद किया जा रहा है कि 20 मई 2023 को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था। तब कांग्रेस ने शिवकुमार को डिप्टी सीएम बनाकर संतुलन साधा था। उस समय रोटेशनल सीएम फॉर्मूले की चर्चा जोरों पर थी, जिसमें कहा गया था कि ढाई साल बाद शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि, कांग्रेस हाईकमान ने ऐसी किसी डील की आधिकारिक पुष्टि नहीं की थी।
सिद्धारमैया ने इन चर्चाओं को दोहराया और साफ कहा कि वह पूरे पांच साल मुख्यमंत्री रहेंगे। गुरुवार को चामराजनगर में उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी स्थिति पहले भी मजबूत थी और आगे भी बनी रहेगी।
सूत्रों के अनुसार, मंत्री एन. चालुवरायस्वामी, विधायक इकबाल हुसैन, एच.सी. बालकृष्ण और एस.आर. श्रीनिवास गुरुवार को दिल्ली पहुंचे। वहीं, शुक्रवार को 12 और विधायकों के दिल्ली पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। इससे पूर्व भी कई एमएलसी राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस महासचिवों से मुलाकात कर चुके हैं, जिसने हलचल को और बढ़ा दिया है।
इस बीच शिवकुमार के भाई और पूर्व सांसद डी.के. सुरेश ने कहा कि सिद्धारमैया अपने वादों से पीछे नहीं हटते। जब उनसे पूछा गया कि क्या सीएम सिद्धारमैया ढाई साल बाद अपने वादे पर टिके रहेंगे, तो सुरेश ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, “बड़ी बातें बड़े नेता ही तय करेंगे। मैं ऐसे सवालों का जवाब कैसे दे सकता हूं।” सुरेश ने यह भी बताया कि शिवकुमार जो भी कहना चाहते थे, वह पार्टी नेतृत्व को बता चुके हैं। अब यह फैसला कांग्रेस अध्यक्ष और राहुल गांधी के हाथ में है।




