
- Home
- /
- मुख्य समाचार
- /
- Supreme Court:...
Supreme Court: दिव्यांग लोगों के लिए e-KYC प्रोसेस को बनाया जाए सुलभ, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिए निर्देश

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ई-केवाईसी प्रक्रिया को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डिजिटल पहुंच एक मौलिक अधिकार है। एसिड अटैक सर्वाइवर्स और दिव्यांगजनों के लिए केवाईसी प्रक्रिया को आसान बनाया जाना चाहिए। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने इस मुद्दे पर दायर दो जनहित याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया।
सुप्रीम कोर्ट ने दिए आदेश
जानकारी के मुताबिक कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हमने माना है कि दिव्यांगों के लिए केवाईसी प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत है। हमने 20 निर्देश दिए हैं। एसिड अटैक और अंधेपन से पीड़ित याचिकाकर्ता चेहरे की विकृति की वजह से केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने में असमर्थ रहे हैं। संवैधानिक प्रावधान याचिकाकर्ताओं को केवाईसी प्रक्रिया में समायोजित करने का वैधानिक अधिकार देते हैं। कोर्ट ने निर्देश दिए कि यह जरूरी है कि डिजिटल केवाईसी दिशा-निर्देशों को एक्सेसिबिलिटी कोड के साथ संशोधित किया जाए।
किसने दायर की याचिका?
कोर्ट के सामने एक याचिका वकील अमर जैन ने दर्ज की थी। उन्हें खुद 100 फीसदी दृष्टि दोष का सामना करना पड़ा है। उन्होंने तर्क दिया था कि उन्हें खुद ऑनलाइन केवाईसी को पूरा करने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि ये समस्याएं सभी दिव्यांग व्यक्तियों, खासतौर पर अंधेपन या कम दृष्टि वाले लोगों को होती हैं।
वहीं दूसरी याचिका एसिड अटैक पीड़िता प्रज्ञा प्रसून की थी। उन्होंने बैंक में खाता खोलने के लिए संपर्क किया था और वह डिजिटल केवाईसी को पूरा नहीं कर पाईं। बैंक ने पलक झपकाकर लाइव फोटोग्राफ लेने पर जोर दिया था। याचिका में कहा गया है कि ऐसे कई पीड़ितों को इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। साथ ही केंद्र से ऐसे एसिड अटैक पीड़ितों के लिए डिजिटल केवाईसी प्रक्रिया पर नए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई थी।