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भारत में बिकने वाले कपड़ों और पांच नदियों के जल में मिले खतरनाक रसायन: सर्वेक्षण

DeskNoida
20 May 2025 1:00 AM IST
भारत में बिकने वाले कपड़ों और पांच नदियों के जल में मिले खतरनाक रसायन: सर्वेक्षण
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एक गैर-सरकारी संगठन टॉक्सिक्स लिंक (Toxics Link) द्वारा किए गए अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि देशभर में बिकने वाले कई वस्त्रों, जिनमें अंतर्वस्त्र (इनरवियर) भी शामिल हैं, में खतरनाक रसायन पाए गए हैं।

भारत में कपड़ों और पर्यावरण को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। एक गैर-सरकारी संगठन टॉक्सिक्स लिंक (Toxics Link) द्वारा किए गए अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि देशभर में बिकने वाले कई वस्त्रों, जिनमें अंतर्वस्त्र (इनरवियर) भी शामिल हैं, में खतरनाक रसायन पाए गए हैं। यही नहीं, वस्त्र उद्योगों के आस-पास बहने वाली पांच प्रमुख नदियों के सतही जल में भी ऐसे रसायनों की उपस्थिति दर्ज की गई है।

"टॉक्सिक थ्रेड्स: इंडियन टेक्सटाइल्स एंड द एनवायरनमेंट में नॉनिलफिनोल की जांच" शीर्षक वाली रिपोर्ट सोमवार को जारी की गई। इसमें बताया गया कि जांच किए गए 40 वस्त्र उत्पादों में से 15 में नॉनिलफिनोल एथॉक्सिलेट्स (NPEs) पाए गए। यह रसायन हार्मोन को प्रभावित करने वाले एंडोक्राइन डिसरप्टिंग केमिकल्स की श्रेणी में आते हैं, जो न केवल मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा हैं बल्कि जलीय जीवन और पारिस्थितिकी तंत्र को भी नुकसान पहुंचाते हैं।

रिपोर्ट में बताया गया कि जिन कपड़ों में ये रसायन पाए गए, वे देश के 10 प्रमुख वस्त्र केंद्रों से लिए गए थे और इन्हें लोकप्रिय खुदरा दुकानों और ऑनलाइन प्लेटफार्मों से खरीदा गया था। यह तथ्य चिंता का विषय है कि ये जहरीले तत्व आम जनता द्वारा उपयोग किए जा रहे दैनिक परिधानों में मौजूद हैं।

इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि वस्त्र निर्माण इकाइयों के नजदीक बहने वाली पांच प्रमुख नदियों के सतही जल में भी NPEs की उपस्थिति मिली है। यह न केवल जल प्रदूषण को दर्शाता है, बल्कि यह भी इंगित करता है कि वस्त्र उद्योगों द्वारा रसायन युक्त अपशिष्ट जल का अनुचित निपटान एक बड़ा पर्यावरणीय संकट बनता जा रहा है।

टॉक्सिक्स लिंक ने सरकार से आग्रह किया है कि वह ऐसे रसायनों के उपयोग को नियंत्रित करने के लिए सख्त नियम बनाए और वस्त्र उद्योगों को स्वच्छ और टिकाऊ उत्पादन प्रणालियों की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करे। संगठन ने आम उपभोक्ताओं से भी जागरूक रहने और वस्त्र खरीदते समय उनके निर्माण स्रोत और सामग्री की जानकारी पर ध्यान देने की अपील की है।

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