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तेजस्वी यादव चुनाव नहीं लड़ पाएंगे...तेजस्वी का दावा तो यही कहता है, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा-मेरा नाम वोटर लिस्ट में नहीं है

नई दिल्ली। एसआईआर के मामले में तेजस्वी यादव ने एक बार फिर आक्रामक रुख दिखाया है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए तेजस्वी यादव कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में धांधली की गई है। तेजस्वी यादव ने कहा कि हम शुरू से ही इस पूरे मामले पर अपनी आवाज को उठाते रहे। तेजस्वी यादव ने कहा कि मेरा नाम वोटर लिस्ट में नहीं है। उनका नाम काट दिया गया है। उन्होंने सवाल पूछा है कि अब मैं चुनाव कैसे लड़ूंगा? तेजस्वी ने दावा किया है कि उन्होंने एसआईआर के दौरान गणना प्रपत्र भी भरा था, इसके बावजूद भी नाम काटा गया है।
हमारे महागठबंधन का डेलिगेशन चुनाव आयोग गया था
बता दें कि तेजस्वी ने इस दौरान कहा कि इसी प्रकार की गड़बड़ी चुनाव आयोग यहां करने के मूड में है। चुनाव आयोग ने नाम काटने की जानकारी तो दी है, लेकिन यह नहीं बताया कि नाम को किन कारण से काटा गया है। उन्होंने कई विधानसभा क्षेत्रों का हवाला भी दिया। कल हमारा महागठबंधन के डेलिगेशन चुनाव आयोग गया था। हमने अपनी बातों को रखा है, लेकिन चुनाव आयोग ने एक बार भी हमारी बातों पर गौर नहीं किया। जो दो गुजराती बताएंगे, वही बिहार का वोटर होगा। जब वो कहेंगे बिहार की वोटर लिस्ट में उसी का नाम जाएगा।
नई वोटर लिस्ट आएगी तो कई गरीब लोगों के नाम नहीं रहेंगे
वहीं तेजस्वी ने आगे कहा कि हमारे सुझाव को नहीं माना गया। सुप्रीम कोर्ट के सुझाव की भी अनदेखी चुनाव आयोग की तरफ से की गई। शुरू से ही हमारा कहना था कि जो नई वोटर लिस्ट आएगी तो कई गरीब लोगों के नाम नहीं रहेंगे, लेकिन चुनाव आयोग का कहना था कि किसी का नाम नहीं कटेगा। चुनाव आयोग के द्वारा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। वहीं उन्होंने आगे कहा कि सूची सभी राजनीतिक दलों को दी जा रही है, लेकिन चोर की दाढ़ी में तिनका है। वह हम लोग बताएंगे। चुनाव आयोग के द्वारा कहा गया था कि मतदाता सूची से हटाए गए हर नाम की जानकारी और कारण बताया जाएगा।
बिहार से बाहर तीन करोड़ से भी ज्यादा पलायन है
तेजस्वी ने कहा कि सबसे अहम ईपीआईसी नंबर नहीं दिया है ताकि हम इसका तुलनात्मक अध्ययन करें। यह चुनाव आयोग की चालाकी है। आपने पहले से ही मन बना लिया है कि किस पार्टी की सरकार बनानी है, तो इसी सरकार का एक्सटेंशन कर दीजिए। अगर अस्थाई पलायन से 36 लाख मतदाताओं का नाम कटेगा तो भारत सरकार के अपने आंकड़ों के अनुसार बिहार से बाहर तीन करोड़ से भी ज्यादा पलायन है। इस संख्या से ज्यादा होना चाहिए।
चुनाव आयोग आखिर क्या छुपा रहा है?
तेजस्वी ने एक के बाद एक 10 सवाल दागते हुए कहा कि चुनाव आयोग आखिर क्या छुपा रहा है? मेरा सवाल चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार से है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को हमारी बात नहीं सुनाई दी है। फिर भी हमारी कुछ मांगें हैं। निर्वाचन आयोग तत्काल उन मतदाताओं की सूची कारण सहित बूथ के हिसाब से उपलब्ध कराए, जिनका नाम मतदाता सूची में नहीं है। हम लोग कारण जानना चाहते हैं। जब तक यह पारदर्शिता हल नहीं होती, तब तक अपनी आपत्ति दर्ज करने की अवधि को बढ़ाया जाए। चुनाव आयोग ने केवल सात दिनों तक ही आपत्ति दर्ज करने का वक्त दिया है।
चुनाव आयोग को हम चुनौती दे रहे हैं कि वह पूरी जानकारी दे
उन्होंने कहा कि हर विधानसभा से 20 से 30 हजार नाम काटे गए हैं। लगभग 8.50 प्रतिशत नाम काट दिए गए हैं। वहीं तेजस्वी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने चालाकी और साजिश करते हुए न तो बूथ का नाम दिया है और न ही वोटर का पता दिया है जबकि चुनाव आयोग को हम चुनौती दे रहे हैं कि वह पूरी जानकारी दे। चुनाव आयोग अपनी तरफ से जो भी जानकारी उपलब्ध कराता था, तो विभिन्न कारणों का हवाला देता था और बताया जाता था कि किन कारणों से नाम कटा है। वहीं चुनाव आयोग का कहना है कि उन्होंने तेजस्वी का नाम नही काटा है।