
- Home
- /
- मुख्य समाचार
- /
- मनरेगा योजना का नाम...
मनरेगा योजना का नाम बदलेगी केंद्र सरकार, कैबिनेट बैठक में मिली मंजूरी! इन बिलों पर भी लग सकती है मुहर...

नई दिल्ली। केंद्र सरकार मनरेगा योजना का नाम बदलेगी। इस फैसले पर आज यानी शुक्रवार को कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिल गई है। सरकार मनरेगा का नाम बदलकर पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार गारंटी रखेगी। जो कि ग्रामीण गरीबों को एक साल में 125 दिनों का काम सुनिश्चित करेगा। सरकार इसके लिए 1.51 लाख करोड़ रुपये मुहैया कराएगी।
मनरेगा योजना की शुरुआत मनमोहन सरकार ने की थी
दरअसल मनरेगा योजना को साल 2005 में तत्कालीन मनमोहन सरकार ने शुरुआत की थी। शुरु में इसका नाम नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट था, बाद में इसका नाम बदलकर महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट किया गया था।
बता दें कि इस योजना का मकसद इंडियन लेबर लॉ और सोशल सिक्योरिटी के तहत ‘काम करने के अधिकार’ की गारंटी देना है। साल 2005 से अब तक इस योजना में 15.4 करोड़ लोग एक्टिव रूप से काम कर रहे हैं।
न्यूक्लियर एनर्जी बिल का नाम भी बदला जा सकता है
जानकारी के मुताबिक, कैबिनेट बैठक में न्यूक्लियर एनर्जी बिल को भी मंजूरी मिल सकती है। इस बिल का नाम शांति बिल 2025 रखा जा सकता है। इसके जरिए न्यूक्लियर पावर सेक्टर में नई नीति निवेश और टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दिया जाएगा।
ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से चलती है यह योजना
मनरेगा योजना के तहत लोगों को साल में 100 दिन रोजगार दिया जाता है। यह कार्यक्रम देश के ग्रामीण परिवारों को आर्थिक स्थिरता और आजीविका देने वाले सबसे बड़े सरकारी फ्लैगशिप योजनाओं में से एक है। इस पूरी योजना का संचालन ग्रामीण विकास मंत्रालय की तरफ से किया जाता है।
कैबिनेट में मिली मंजूरी
पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार गारंटी बिल 2025 के तहत MGNREGA का नाम बदलने के प्रस्ताव को कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिल गई है। सरकार का दावा है कि इससे योजना को नई पहचान मिलेगी।
विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान बिल 2025
शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधारों वाले इस बिल को भी मंजूरी मिलने की संभावना है। इसका मकसद शिक्षा व्यवस्था को विकसित भारत के विजन से जोड़ना है।




