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प्रदूषण से बचाव के लिए दिल्ली सरकार ने लिया बड़ा फैसला! 800 से अधिक इंडस्ट्रीज को बंद करने का दिया आदेश

नई दिल्ली। दिल्ली में प्रदूषण से लोगों को राहत फिलहाल मिलती हुई दिख रही है। जहां दिल्ली की जहरीली हवा से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। यहां तक कि लोगों कि सांस की समस्या बढ़ गई है। हालांकि दिल्ली सरकार की कैबिनेट की अहम बैठक में प्रदूषण को खत्म करने और बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए कई अहम फैसले लिए गए। सरकार ने स्पष्ट किया है कि अब पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने वालों पर कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।
यह प्लांट 11.5 एकड़ में फैला होगा
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि दिल्ली के अंदर 50% बस ऑपरेट करने का जिम्मा DIMTS (Delhi Integrated Multi-Modal Transit System) के पास था, जिसे अब खत्म कर दिया गया है। अब 100% बस DTC (Delhi Transport Corporation) ऑपरेट करेगी। इससे 'रूट रेशनलाइजेशन' (रूटों का बेहतर प्रबंधन) में आसानी होगी। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक कचरे के प्रबंधन के लिए दिल्ली सरकार होलंबी कलां में एक विशाल ई-वेस्ट प्लांट लगाने जा रही है। यह प्लांट 11.5 एकड़ में फैला होगा। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह 0% पानी की बर्बादी के सिद्धांत पर काम करेगा।
जल निकायों का कायाकल्प, 100 करोड़ आवंटित
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि दिल्ली में मौजूद 1,000 से अधिक वाटर बॉडीज में से 160 जल निकाय दिल्ली सरकार के अधीन हैं। वहीं, प्रदूषण फैलाने वाली 800 से अधिक इंडस्ट्रीज को बंद करने का आदेश दिया गया है। DPCC ने 411 को क्लोजर नोटिस दिया है जबकि MCD ने 400 को सील किया है। सरकार ने इन 160 वाटर बॉडीज के रिजुवेनेशन के लिए ₹100 करोड़ के बजट को मंजूरी दी है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि जल निकायों को नया जीवन देने के लिए फंड की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अब दिल्ली में GRAP (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) हटने के बाद भी बिना वैध PUCC सर्टिफिकेट के पेट्रोल नहीं मिलेगा। 12 PUCC सेंटरों में जांच के दौरान धांधली पाई गई, जिन्हें सस्पेंड कर दिया गया है।




