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पृथ्वी के घूमने की रफ्तार हो रही धीमी! क्या एक दिन हो जाएंगे 25 घंटे के... वैज्ञानिकों ने किए चौंकाने वाले खुलासे

नई दिल्ली। पृथ्वी के घूमने की रफ्तार धीमी हो रही है और पृथ्वी के दिन धीरे-धीरे लंबे हो रहे हैं। नए शोध में वैज्ञानिकों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। दरअसल, उनके थ्योरी के हिसाब से, एक दिन वे 25 घंटे के हो जाएंगे। वैज्ञानिकों ने यह भी बताया है कि 25 घंटे वाले दिन कब से शुरू होंगे। 24 घंटे का दिन इस बात पर आधारित है कि सूरज को हमारे आसमान में उसी जगह पर लौटने में कितना समय लगता है।
चंद्रमा और जलवायु पृथ्वी को कैसे धीमा करते हैं
आधुनिक जियोडेसी दूर के क्वासर से रेडियो सिग्नल और सैटेलाइट तक लेजर रेंजिंग का इस्तेमाल करके पृथ्वी के घूमने और ध्रुवीय गति को बहुत सटीकता से पता लगाती है। चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण है, जो पृथ्वी के महासागरों में ज्वार के उभार पैदा करता है। ये ग्रह के घूमने पर एक खिंचाव की तरह काम करते हैं, थोड़ी सी घूमने वाली ऊर्जा को कम करते हैं। 24 घंटे के दिन को 25 घंटे का दिन बनाना कोई जल्द होने वाली घटना नहीं है, बल्कि यह भूवैज्ञानिक समय में एक धीमी यात्रा है। पृथ्वी-चंद्रमा सिस्टम की मौजूदा समझ से पता चलता है कि पूरे 25 घंटे का दिन आने में लगभग 200 मिलियन यानी 20 करोड़ साल लगेंगे।
पृथ्वी धीमे क्यों घूम रही
पृथ्वी का घूमना चंद्रमा, पानी और बर्फ, और पृथ्वी के अंदर लंबे समय तक होने वाले बदलावों के मिले-जुले असर से धीरे-धीरे धीमा हो रहा है। नासा द्वारा समर्थित अध्ययनों में 120 से ज्यादा सालों के डेटा का इस्तेमाल किया गया है, जिससे पता चलता है कि पिघलती बर्फ की चादरें, सिकुड़ते ग्लेशियर, गिरता भूजल और बढ़ते समुद्र धीरे-धीरे द्रव्यमान को फिर से बांटते हैं। मानव-जनित गर्मी ने 2000 के आसपास से इन प्रभावों को तेज कर दिया है, खासकर ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका में तेजी से बर्फ पिघलने के कारण।




